Urban Rural Consumption: शहरों-गांवों में जमकर हुई खरीदारी, खूब बिकीं कारें और बाइक, नई ऊंचाई पर पहुंचा खपत का आंकड़ा
Urban Rural Consumption: फेस्टिव सीजन में जमकर हुई खरीदारी के चलते सितंबर में घरेलू शहरी एवं ग्रामीण खपत बढ़ गई. यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. मानसून का भी इसमें अच्छा असर दिखा है.
Urban Rural Consumption: घरेलू बाजार से अच्छे संकेत सामने आने लगे हैं. फेस्टिव सीजन में जमकर हुई खरीदारी ने सुस्त पड़े बाजार को अच्छा सपोर्ट दिया है. इसके चलते सितंबर में घरेलू शहरी एवं ग्रामीण खपत बढ़ गई है. यह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. फेस्टिव सीजन के साथ मानसून का भी इसमें अच्छा असर दिखा है. शहरी इलाकों में जहां कार और हवाई यात्राओं का बोलबाला रहा वहीं, ग्रामीण इलाकों में इस दौरान ट्रेक्टर और मोटरसाइकिल की खरीद काफी बढ़ी है.
फेस्टिव सीजन और मानसून का दिखा असर
बाजार विशेषजों के अनुसार, कीमतों में सुधार, फेस्टिव सीजन में खरीदारी और अच्छे मानसून से सितंबर में देश में खपत तीन महीने में सबसे ज्यादा हुई है. सितंबर, 2023 में अर्बन कंजम्पशन इंडेक्स बढ़कर 0.66 फीसद हो गया. यह अगस्त, 2023 में 0.62 फीसद के स्तर पर था. हालांकि, अर्बन कंजम्पशन इंडेक्स ने सबसे ज्यादा 0.70 फीसद का आंकड़ा मई में छुआ था.
जमकर बिकीं गाड़ियां, बढ़ गए हवाई यात्री
शहरी इलाकों में यह तेजी यात्री वाहनों की जमकर खरीद और हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ने की वजह से आई है. हर साल फेस्टिव सीजन में ही लोग गाड़ियां खरीदना चाहते हैं. साथ ही इस दौरान बाहर नौकरी कर रहे लोग भी अपने घर लौटते हैं. इसलिए विमानों में भी यात्रियों की संख्या काफी बढ़ जाती है. इस दौरान रिटेल महंगाई दर भी नियंत्रण में रही. इसलिए लोग और ज्यादा पैसा खर्च करने को उत्साहित रहे.
ग्रामीण इलाकों में ट्रेक्टर और बाइक की शानदार बिक्री
ग्रामीण इलाकों में भी इस दौरान खपत तेजी से बढ़ी है. यह सितंबर में 0.65 फीसद के स्तर को छू गई जबकि अगस्त में यह आंकड़ा 0.57 फीसद था. इस सीजन में ग्रामीण इलाकों में ट्रेक्टर की बिक्री बहुत बढ़ी. साथ ही दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी जमकर उछाल आया.
अक्टूबर और नवंबर के आंकड़े और ज्यादा उत्साहित करने वाले होंगे
इन आंकड़ों से कंपनियों को शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में खपत का पैटर्न स्पष्ट समझ में आ जाता है. इससे वह आने वाले समय के लिए अपनी रणनीति ज्यादा समझदारी से बना सकती हैं. आंकड़ों के अनुसार, रिटेल महंगाई अक्टूबर में चार महीने के निम्नतम स्तर पर आ गई थी. इसके चलते अक्टूबर और नवंबर के आंकड़े और ज्यादा उत्साहित करने वाले होंगे. साथ ही अगले साल ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी जताई जा रही है.
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