Russian Oil: अमेरिका के समर्थन से भारत ने खरीदा रूसी तेल, अमेरिकी राजदूत का खुलासा
US Ambassador Eric Garcetti: भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गारसेटी ने कहा कि भारत की वजह से कच्चे तेल के दाम कंट्रोल में रहे. इस डील को हमारा पूरा समर्थन था.
US Ambassador Eric Garcetti: रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते अमेरिका समेत कई यूरोपीय देशों ने मॉस्को पर कई प्रतिबंध लगाए थे. इनके चलते रूस से कच्चा तेल और गैस खरीदने में सारी दुनिया को तकलीफ हो रही थी. मगर, इन सबके बावजूद भारत आसानी से रूस से लगातार कच्चा तेल खरीदता रहा. इसे लेकर पूरी दुनिया में हैरानी थी. मगर, अब अमेरिका ने खुलासा किया है कि इस डील को लेकर उसका पूरा समर्थन भारत के पास थे. यही वजह थी कि भारत बिना किसी रोकटोक के आसानी से रूस से क्रूड ऑयल खरीदता रहा.
"India brought Russian Oil, because we wanted somebody to buy Russian oil...", says US ambassador Garcetti on India buying Russian oil ; Adds,'no Price Cap violation, we did not want oil prices to go up..' pic.twitter.com/it3zku9Hbs
— Sidhant Sibal (@sidhant) May 11, 2024
भारत की वजह से कंट्रोल में रहे कच्चे तेल के दाम
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गारसेटी (Eric Garcetti) ने कहा कि हम चाहते थे कि कोई रूसी ऑयल खरीदे ताकि कच्चे तेल के दामों में उछाल न आए. चूंकि भारत हमारा पार्टनर है. दोनों देशों के संबंध बहुत मजबूत हैं. इसलिए हमने भारत को यह डील जारी रखने दी. यह हम दोनों देशों के संयुक्त जीत है. भारत ने कच्चे तेल के दामों को कंट्रोल में रखने में हमारी काफी मदद की. अमेरिकी राजदूत एरिक गारसेटी ने कहा कि रूस और चीन का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. इस संदर्भ में भारत की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है.
तेल की कीमतें तय करके रूस के मुनाफे पर चोट पहुंचाई
पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बाद भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद बढ़ा दी थी. मगर, अमेरिका ने इसका कोई विरोध नहीं किया था. मगर, तेल की कीमतों को तय करके रूस के मुनाफे पर जरूर चोट पहुंचाई गई थी. यह कीमत जी7 देशों ने तय की थी. भारतीय ऑयल रिफाइनरी लगातार रूस से तेल मंगा रही थीं.
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