US Interest Rate Hike: अमेरिका से शुरू हुआ मौजूदा बैंकिंग संकट (Banking Crisis) अब पूरी दुनिया में अपना असर दिखा रहा है. वहीं अमेरिकी सेंट्रल बैंक के सामने इस संकट ने कई मोर्चे पर मुश्किलें खड़ी कर दी है. एक ओर फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) को यह प्रयास भी करना पड़ रहा है कि मौजूदा संकट और भी बैंकों को डूबा न दे, वहीं दूसरी ओर महंगाई को काबू करने की आक्रामक रणनीति से भी समझौता करने की परिस्थिति बन रही है.


इस कारण ब्याज दरों का बढ़ना जरूरी


फेडरल रिजर्व एक साल से ज्यादा समय से महंगाई को नियंत्रित करने पर फोकस किए हुए हैं. फेडरल रिजर्व ने कई मौकों पर दोहराया है कि फिलहाल उसकी सबसे बड़ी चिंता महंगाई है. ऐसा होना स्वाभाविक भी है, क्योंकि चंद महीने पहले तक अमेरिका कई दशकों की सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहा था. फेडरल रिजर्व इसी कारण लगातार ब्याज दरों को बढ़ा रहा था और अभी उसका इरादा इसे जारी रखने का था, लेकिन अब अचानक से आए बैंकिंग संकट ने उसकी राहें मुश्किल बना दी है.


ये अनुमान जता रहे हैं जानकार


ब्लूबमर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग और अर्थव्यवस्था के कई जानकारों का कहना है कि फेडरल रिजर्व मौजूदा हालात को देखते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के क्रम को रोक सकता है. वहीं कइयों का मानना है कि सेंट्रल बैंक तुलनात्मक तौर पर कम बढ़ोतरी कर सकता है.


इसी सप्ताह फेड रिजर्व की बैठक


फेडरल रिजर्व की बैठक इसी सप्ताह शुरू होने वाली है. दो दिनों की यह अहम बैठक गुरुवार को शुरू होगी और सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को इसके नतीजे सामने आ जाएंगे. इस बैठक से पहले अर्थव्यवस्था के आंकड़े उम्मीद से बेहतर आने से ऐसा लग रहा था कि इस बैठक में सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को 50 बेसिस प्वाइंट यानी 0.50 फीसदी बढ़ा सकता है.


तेजी से बदली है तस्वीर


हालांकि 10 मार्च के बाद अब तक पूरी तस्वीर बदल चुकी है. सिलिकॉन वैली बैंक 10 मार्च को बंद हो गया. इसके साथ ही अप्रत्याशित बैंकिंग संकट का दौर शुरू हुआ. हालांकि सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद से तमाम एनालिस्ट यह दावा कर रहे हैं कि स्थिति 2008 के बैंकिंग संकट की तरह नहीं है, लेकिन उसके बाद हो रहे डेवलपमेंट कुछ और इशारा कर रहे हैं. अमेरिका में ही सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, वेस्टर्न पैसिफिक बैंक संकट का शिकार हो चुका है. वहीं अमेरिका से बाहर देखें तो यूरोप के सबसे प्रतिष्ठित बैंकों में से एक क्रेडिट सुईस भी मौजूदा संकट की बलि चढ़ चुका है.


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