US Default Threat: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बाद अब खुद अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन अमेरिका के कर्ज डिफॉल्ट करने को लेकर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि  अमेरिका ने डिफॉल्ट किया तो इससे करोड़ों अमेरिकी संकट में आ सकते हैं. लोगों को वेतन के संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसके चलते मंदी आ सकती है जिससे लोगों की नौकरियां जा सकती है तो कारोबार ठप्प पड़ सकता है.  


जेनेट येलेन ने कम्यूनिटी बैंकर्स को संबोधित करते हुए कहा कि देश अप्रत्याशित आर्थिक और फाइनैंशियल संकट के मुहाने पर खड़ा है. उन्होंने कहा कि इस संकट के चलते सरकारी कामकाज ठप्प पड़ सकता है. एयर ट्राफिक कंट्रोल से लेकर लेकर कानून व्यवस्था, सीमा सुरक्षा, राष्ट्रीय सुरक्षा और टेलीकम्यूनिकेशन सिस्टम्स में व्यवधान पैदा हो सकता है. 


इससे पहले आईएमएफ ने भी कहा था कि अमेरिका अपने कर्ज को चुकाने में डिफॉल्ट करता है तो इसका असर केवल अमेरिका पर ही नहीं बल्कि इसका खामियाजा पूरे वैश्विक अर्थव्यवस्था को उठाना पड़ सकता है. आईएमएफ के कम्यूनिकेशन डायरेक्टर जूली कोजैक ने सभी पक्षों से जल्द से जल्द इसका समाधान निकालने की अपील की थी. 


अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रैट्स कर्ज के स्तर को लेकर बंटे हुए हैं. अमेरिकी कांग्रेस में रिपब्लिकन की मांग है कि राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन कर्ज की लिमिट बढ़ाने के एवज में बजट में कटौती पर सहमत हो. ऐसा नहीं हुआ तो अमेरिका पर डेट संकट गहरा सकता है. डेमोक्रैट्स चाहते हैं कि कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया जाए. डेमोक्रैट्स, रिपब्लिकन पर अपना राजनीतिक एजेंडा को आगे बढ़ाने का आरोप लगा रहे हैं.  


आईएमएफ ने आगाह करते हुए कहा कि डिफॉल्ट करने पर उधार लेना महंगा तो होगा ही साथ वैश्विक अस्थिरता से लेकर और दूसरे आर्थिक असर भी देखने को मिल सकता है. ऐसे में अमेरिका के डिफॉल्ट करने की किसी भी संभावना को टाला जाना चाहिए. 


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