Recession In United States: क्या अमेरिका (United States) में आर्थिक मंदी ( Economic Recession) दस्तक देने जा रहा है? इस आशंका के चलते अगस्त महीने के पहले हफ्ते में पूरी दुनिया के शेयर बाजारों ( Global Stock Markets) में जोरदार गिरावट देखने को मिली है. जापान (Japan) से लेकर भारत (India) यूरोप (Europe) से खुद अमेरिका ( United States) के शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली. बाजार को डर सता रहा कि अमेरिका में मंदी आई तो इसका असर ग्लोबल इकोनॉमी ( Global Economy) पर पड़ सकता है. पर आपको ये जानकार हैरानी होगी भारत में बैंकिंग सेक्टर के रेग्यूलेटर भारतीय रिजर्व बैंक ( Resserve Bank Of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास  ( Shaktikanta Das) इस बात से कतई इत्तेफाक नहीं रखते हैं कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था ( US Economy) में मंदी ( Recession) आ सकती है. उन्होंने कहा, ऐसी सोच अपरिपक्वता (Premature) की निशानी है. 


बेहतर कर रही अमेरिकी अर्थव्यवस्था


आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी (RBI Monetary Policy) के एलान के बाद प्रेस कॉंफ्रेस को संबोधित करते हुए अमेरिका में मंदी की आशंका से जुड़े सवाल पर आरबीआई गवर्नर ने कहा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर हाल में कुछ डेवलपमेंट हमें देखने को मिला है. खासतौर से जुलाई 2024 के लिए अमेरिका में बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) का जो डेटा आया है उसके चलते ये धारणा बनी है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, अमेरिका में आर्थिक विकास के जो आंकड़े आए हैं उसके स्पष्ट है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था बेहतर तरीके से विकास कर रही है. मौजूदा वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 2.8 फीसदी जीडीपी (GDP) रही है जो पहली तिमाही से ज्यादा है. 


मंदी की बात है अपरिपक्वता की निशानी


गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, बेरोजगारी का आंकड़ा केवल एक महीने का है उससे कुछ अभी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी. हमें अभी और डेटा का इंतजार करना चाहिए पर मंदी की बात करना अपरिपक्वता होगी. पिछले हफ्ते अमेरिका में जुलाई 2024 के लिए बेरोजगारी दर का आंकड़ा घोषित हुआ था जिसमें जॉब ग्रोथ रेट में स्लोडाउन के चलते वहां बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 फीसदी पर जा पहुंची है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में जुलाई में केवल 114,000 जॉब जोड़े जो अनुमान से कम है. 


वर्ल्ड ट्रेड बढ़ने का मिलेगा फायदा


आरबीआई गवर्नर ने कहा, सभी इंटरनेशनल एंजेसियां आईएमएफ (IMF) से लेकर, ओईसीडी (OECD) और वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) ने कहा है कि मौजूदा साल 2024 में वर्ल्ड ट्रेड के 3 फीसदी के दर से बढ़ने का अनुमान है. उन्होंने कहा, इसके चलते एक्सटर्नल डिमांड बढ़ने का अनुमान है. आरबीआई गवर्नर ने कहा, हम अभी और डेटा के आने का इंतजार करेंगे. हमारी उसपर निगरानी बनी रहेगी और हमारे सामने जो भी हालात होंगे हम उससे निपटेंगे. शक्तिकांत दास ने कहा, भारत बाहरी झटकों से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है. पूर्व के हालात के मुकाबले भारत आज बेहतर स्थिति में है. 


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