फेडरल रिजर्व ने महंगाई से लड़ने के लिए RBI की तरह ही ब्याज दरों में कई बार इजाफा किया है. इससे US मार्केट पर दबाव बढ़ा है. इसी के मद्देनजर यूएस फेड के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल (US Fed chair Jerome Powell) ने संकेत दिया है कि दिसंबर में होने वाली बैठक में फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी धीमी रख सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि पहले की तुलना में यह ब्याज दर एक्सटेंडेड पीरियड के लिए बढ़ी रहेंगी.
पॉवेल ने ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन को दिए जाने वाले एक लिखित बयान में यह कहा है कि फेडरल रिजर्व अपने प्रमुख ब्याज दरों को तीन तिमाही के दौरान बढ़ा चुका है. इस कारण दिसंबर में होने वाली बैठक के दौरान ब्याज दरों में बहुत कम बढ़ोतरी हो सकती है. पाॅवेल ने यह भी संकेत दिया कि इस बढ़ोतरी का मतलब यह नहीं होगा कि फेडरल रिजर्व दोबारा से ब्याज दर में बढ़ोतरी नहीं करेगा. फेड आगे भी मुद्रास्फिति से लड़ाई जारी रखेगा.
पाॅवेल ने अपने बयान में यह कहा कि मुद्रास्फिति के खिलाफ लड़ाई में कुछ उपकरों जैसे- ऑटो, फर्नीचर और अन्य को लेकर अच्छी खबर आई है. वहीं, किराया और अन्य आवास की लागत कीमत भी अगले साल कम हो सकती है, लेकिन सेवाओं की लागत, जिसमें बाहर खाना खाना, यात्रा करना और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं की लागत में अभी भी बढ़ोतरी जारी है.
मजदूरी बढ़ने से लागत में हुई बढ़ोतरी
पॉवेल ने कहा कि थोड़ी उम्मीद के बावजूद अभी चीजों की कीमतों को स्थिर करने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना होगा. उन्होंने कहा कि बढ़ती मजदूरी से सेवाओं की लागत में वृद्धि हुई है, जो मुद्रास्फीति के समायोजन से पहले चार दशकों में सबसे तेज गति से बढ़ रही है.
इस साल 6 बार हुई ब्याज में बढ़ोतरी
पिछले महीने की मुद्रास्फीति रिपोर्ट पर गौर करें तो पता चलता है कि एक साल पहले की तुलना में अक्टूबर में कीमतें 7.7 फीसदी बढ़ीं, जिससे कई परिवारों के बजट पर दबाव पड़ा. हालांकि, यह जून में 9.1 प्रतिशत के शिखर से कम है. फेड ने इस साल छह बार अपनी प्रमुख दर को 3.75 प्रतिशत से 4 फीसदी तक बढ़ाया है, जो 15 सालों में सबसे अधिक है.
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