SVB Crisis: इस कारण डूबा सिलिकॉन वैली बैंक! फेड रिजर्व ने रिपोर्ट में किया खुलासा
Silicon Valley Bank Crisis: मार्च में डूबे सिलिकॉन वैली बैंक पर फेड रिजर्व ने अपनी रिपोर्ट जारी की है. इसमें बैंक के डूबने के कारण के बारे में बताया गया है.
Silicon Valley Bank Crisis: पिछले महीने अमेरिका के सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) के डूबने के साथ ही विश्व भर में बैंकिंग संकट (Banking Crisis) की शुरुआत हो गई थी. अब इस बैंक के डूबने के कारण का पता लगाने के लिए फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने समीक्षा रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट के अनुसार खराब प्रबंधन, कमजोर नियम और सरकारी निगरानी की कमी के कारण सिलिकॉन वैली बैंक डूबा है. शुक्रवार को जारी जांच रिपोर्ट में फेडरल रिजर्व ने कहा कि केंद्रीय बैंक की यह बड़ी नाकामी है कि वह बैंक की आर्थिक स्थिति का ठीक से आकलन नहीं कर सका.
कड़ा रुख न अपनाना बड़ी चूक
फेड रिजर्व ने अपनी रिपोर्ट में यह भी माना कि उससे बैंक की वित्तीय स्थिति के आकलन में चूक हुई है. पिछले कुछ सालों में टेक और स्टार्टअप कंपनियों की ग्रोथ के साथ सिलिकॉन वैली बैंक की ग्रोथ भी तेजी से हुई है. बैंक में वृद्धि तो हुई, लेकिन इसके साथ ही इससे जुड़े परेशानियां भी बढ़ती चली गई. इसके बावजूद भी बैंक के प्रबंधन ने इन सभी चीजों पर ध्यान नहीं दिया और सख्त रुख अख्तियार करने से बचते रहे. फेड ने SVB ने गवर्नेंस, लिक्विडिटी और जोखिम मैनेजमेंट के फैसलों पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं. इस सभी मुद्दों पर ध्यान न देने के बावजूद भी सिलिकॉन वैली बैंक को अच्छी रेटिंग मिलती रही और यह बैंक के डूबने की बड़ी वजह बना है.
बैंक के रेगुलेशन को और बनाया जाएगा सख्त
अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने भविष्य में ऐसे बैंकिंग संकट को रोकने के लिए नियम बनाने की बात कही है. फेड रिजर्व ने कहा कि जिन बैंकों की कुल पूंजी 200 बिलियन डॉलर से अधिक है, उनके लिए अब रेगुलेशन के नियम को और सख्त किया जाएगा. इससे पहले साल 2008 में बैंकिंग संकट के बाद से अमेरिका में बैंकिंग नियमों में कई बड़े बदलाव किए गए थे. अब सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद भी केंद्रीय बैंक नियमों को और सख्त करने की बात कह रहा है.
10 मार्च को बैंक को कर दिया गया बंद
सिलिकॉन वैली बैंक मुख्य रूप से टेक कंपनियों और स्टार्टअप के पैसे डिपॉजिट करने और कर्ज देने का काम करता है. मार्च की शुरुआत में बैंक की खराब होती वित्तीय हालात की रिपोर्ट्स के बाद ग्राहकों के बीच अफरातफरी मच गई थी. इसके बाद बैंक से पैसे निकालने वालों की लंबी-लंबी लाइन लग गई. केवल कुछ ही घंटों में ग्राहकों ने बैंक से 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम निकाल ली थी.
बैंक के आर्थिक हालात को देखते हुए 10 मार्च को बैंक को बंद कर दिया गया था. इसके बाद न्यूयॉर्क का सिग्नेचर बैंक (Signature Bank) भी डूब गया था. अमेरिका से शुरू हुआ यह बैंकिंग संकट यूरोप पहुंच गया, जहां स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस बैंक (Credit Suisse Bank) के डूबने की खबर भी आने लगी. इस बैंक को बचाने के लिए देश के बड़े बैंक यूबीएस (UBS) के साथ मर्जर किया जा रहा है.
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