US Rate Hike: बैंकिंग संकट पर भारी पड़ा इस बात का डर, 17 सालों में सबसे महंगा हुआ यूएस में ब्याज
Federal Reserve Rate Hike: अभी दुनिया भर के सेंट्रल बैंक्स के सामने दोहरा संकट खड़ा हो गया है. पहले से ही उनके सामने चुनौतियों कम न थीं, और अब बैंकिंग संकट भी उन्हें परेशान कर रहा है...
US Interest Rate Hike: मौजूदा बैंकिंग संकट (Banking Crisis) ने भले ही पूरी दुनिया के शेयर बाजारों और निवेशकों को हलकान कर दिया हो, लेकिन सेंट्रल बैंकर्स इसे अभी सबसे बड़ी चुनौती नहीं मान रहे हैं. कम से कम अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (US Fed Reserve) का रुख तो इसी बात का इशारा करता है. फेडरल रिजर्व ने हालिया नीतिगत बैठक के बाद ब्याज दरों को फिर से बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिससे पता चलता है कि अभी भी फेडरल रिजर्व के लिए महंगाई सबसे बड़ी प्राथमिकता है.
पुराने रुख पर कायम यूएस फेड
फेडरल रिजर्व ने अहम बैठक के बाद बुधवार (भारतीय समयानुसार देर रात) को बताया कि उसने ब्याज दरों को इस बार 25 बेसिस प्वाइंट यानी 0.25 फीसदी बढ़ाने का निर्णय लिया है. फेडरल रिजर्व का कहना है कि भले ही अभी बैंकिंग जगत संकट का सामना कर रहा है, लेकिन बैंकिंग सेक्टर मजबूत, स्वस्थ और अच्छे से पूंजी-पोषित है. यही करण है कि फेडरल रिजर्व ने बैंकिंग संकट को दरकिनार कर महंगाई को काबू करने की अपनी साल भर पुरानी रणनीति को बरकरार रखा.
इतना गंभीर है बैंकिंग संकट
फेडरल रिजर्व की यह अहम बैठक पिछले सप्ताह ऐसे समय शुरू हुई, जब अभी दुनिया बैंकिंग संकट के नए दौर का सामना कर रही है. अमेरिका से शुरू हुए इस संकट की चपेट में अब तक कई बैंक आ चुके हैं और विश्लषकों को यह 2008 के बैंकिंग संकट की याद दिला रहा है. इस महीने की 10 तारीख यानी 10 मार्च को अमेरिका में सिलिकॉन वैली बैंक को बंद करना पड़ गया. उसके बाद अमेरिका में सिग्नेचर बैंक, फर्स्ट रिपब्लिक बैंक, वेस्टर्न पैसिफिक बैंक संकट का शिकार हो चुका है. वहीं अमेरिका से बाहर देखें तो यूरोप के सबसे प्रतिष्ठित बैंकों में से एक क्रेडिट सुईस भी मौजूदा संकट के कारण बिक चुका है.
पुराना है महंगाई वाला संकट
इस कारण अनुमान जताया जा रहा था कि फेडरल रिजर्व इस बैठक में मौजूदा संकट को देखते हुए ब्याज दरों में बढ़ोतरी के क्रम पर ब्रेक लगा सकता है. हालांकि फेडरल रिजर्व के सामने एक साल से ज्यादा समय से रिकॉर्ड महंगाई का संकट खड़ा है. चंद महीने पहले तक अमेरिका कई दशकों की सबसे ज्यादा महंगाई से जूझ रहा था. अभी भी यह नियंत्रण के दायरे में नहीं है. फेडरल रिजर्व एक साल से ज्यादा समय से महंगाई को नियंत्रित करने पर फोकस किए हुए है. फेडरल रिजर्व ने कई मौकों पर दोहराया है कि उसकी सबसे बड़ी चिंता महंगाई है. फेडरल रिजर्व इसी कारण लगातार ब्याज दरों को बढ़ा रहा है.
अभी और बढ़ेंगी ब्याज दरें
फेडरल रिजर्व ने आगे ब्याज दरों को अभी और बढ़ाने का भी संकेत दिया है. उसने कहा कि ब्याज दरों में अतिरिक्त वृद्धि उचित हो सकती है. यह इस बात का साफ इशारा है कि आने वाले समय में ब्याज दरों को और बढ़ाए जाने की गुंजइश है. फेडरल रिजर्व ने बैठक के बाद बयान में कहा कि खर्च, उत्पादन और रोजगार में वृद्धि हो रही है, दूसरी ओर महंगाई उच्च स्तर पर बनी हुई है. इस कारण ब्याज दरों को बढ़ाना जरूरी है.
अब इतना महंगा हो गया ब्याज
आपको बता दें कि मार्च 2023 की ब्याज दर वृद्धि के बाद अब अमेरिका में नीतिगत ब्याज दर बढ़कर 5 फीसदी हो गई है. यह अमेरिका में जून 2006 के बाद इसका सबसे उच्चतम स्तर है. इससे पहले कोविड महामारी के दौरान तमाम अन्य सेंट्रल बैंकों की तरह फेडरल रिजर्व ने भी अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए लगातार ब्याज दरों को कम किया था. हालांकि पिछले एक साल के दौरान इन्हें रिकॉर्ड तेजी से बढ़ाया गया है.
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