US Federal Reserve: अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार दूसरी बार कटौती की है और इन्हें 0.25 फीसदी घटा दिया है. लगातार चार सालों तक ब्याज दरों को स्थिर रखने के बाद जब सितंबर में फेड चेयरमैन ने प्रमुख दरों को 0.50 फीसदी घटाया तो इसे बेंचमार्क फैसला माना गया था. अमेरिकी फेड चेयरमैन की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी यानी FOMC ने एकमत से बेंचमार्क इंट्रेस्ट रेट्स को 35 बीपीएस या 0.25 फीसदी घटा दिया है और ये 4.50 - 4.75 फीसदी के दायरे में आ गई हैं. ये फैसला साल 2024 की सातवीं मीटिंग के पॉलिसी फैसलों के तहत लिया गया.
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने क्या कहा
फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि अमेरिका में बेरोजगारी की दर पिछले साल के मुकाबले काफी ऊंची रही है और लेकिन ये पिछले तीन महीनों के दौरान कुछ सीमित दायरे में रही है. इसके अलावा महंगाई दरों को लेकर भी ये संतोष रहा है कि ये एफओएमसी के 2 फीसदी के दायरे के आस-पास ही रही है. हालांकि कोर इंफ्लेशन के आंकड़ें ऊंचे रहे हैं लेकिन फेड के पास इस समय ब्याज दरों को कम करने का ऑप्शन है तो इसी कदम को आगे लिया जा रहा है.
अमेरिकी चुनाव को लेकर क्या बोले फेड चेयरमैन
अमेरिकी चुनाव को लेकर फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने स्पष्ट रूप से कहा कि फेडरल रिजर्व के पॉलिसी निर्णयों पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का कोई असर नहीं हुआ है. एफएओएमसी अपने पहले की नीतिगत परंपरा और यूएस की मौजूदा स्थिति के मुताबिक ही पॉलिसी फैसलों पर कार्य कर रही है.
एफएओएमसी कमिटी ने फैसला लिया है कि वो फेडरल फंड्स के लिए तय लक्ष्य की रेंज एक चौथाई कम करके इसे 4-1/2 से 4-3/4 फीसदी तक ले जाएगी. नवंबर 2024 के पॉलिसी स्टेटमेंट में इस बात की जानकारी दी जा चुकी है. इसमें ये भी कहा गया है कि एफएओएमसी देख पा रही है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मिल रहे वित्तीय संकेतों से ये बात साफ है कि इसका विस्तार अच्छी गति से और अच्छे माध्यमो के जरिए पैमानों पर खरा उतर रहा है.
पिछली बार 18 सितंबर को US फेड ने घटाई थी दरें
इससे पहले 18 सितंबर को हुई यूएस फेड की बैठक में फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की थी. ये फैसला ऐतिहासिक रहा क्योंकि चार साल के बाद अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की गई थी. फेडरल रिजर्व ने लगातार 4 सालों तक दरों में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन 2024 के मध्य में ये फैसला किया था कि अब एफओएमसी के आगे के नीतिगत फैसलों में ब्याज दरें घटाकर बॉन्ड यील्ड और डॉलर को मजबूत बनाने की सोच पर आगे बढ़ा जाएगा.
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