(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Recession In United States: राष्ट्रपति Joe Biden ने माना अमेरिका में आ सकती है मंदी!
Recession Fear: अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये माना कि थोड़ी बहुत मंदी देश में आ सकती है लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि इन चुनौतियों का सामना करने में उसे कोई दिक्कत नहीं आएगी.
Recession Fear In United States: आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने स्वीकार किया कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मंदी का सामना करना पड़ सकता है. बढ़ती महंगाई और रूस के यूक्रेन पर हमले के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है. और हो सकता है कि हमें ज्यादा नहीं लेकिन थोड़े बहुत मंदी का सामना करना पड़ सकता है.
2023 में मंदी जैसे हालात!
मंगलवार को आईएमएफ ने दुनियाभर के देशों के आर्थिक विकास के अनुमान के आंकड़े जारी किए. जिसमें आईएमएफ ने कहा कि दुनिया को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अभी और भी बुरे दौर का सामना करना पड़ सकता है और 2023 में मंदी जैसे हालात पैदा हो सकते हैं. अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और चीन में विकास की रफ्तार थम सकती है.आईएमएफ के मुताबिक रूस के यूक्रेन पर हमले, महंगाई के चलते लोगों का जीवन यापन बहुत महंगा हो चुका है. चीन में स्लोडाउन के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. आईएमएफ के मुताबिक 2023 में एक तिहाई देशों का आर्थिक विकास दर नेगेटिव यानि माइनस में रहने का अनुमान है.
2022 में 1.6% रहेगा अमेरिका का ग्रोथ रेट
आईएमएफ के मुताबिक 2022 में अमेरिकी अर्थव्यवस्था का ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी रहने का अनुमान है. तो 2023 में ये घटकर 1 फीसदी तक गिर सकता है. जबकि 2021 में अमेरिका का जीडीपी 5.7 फीसदी रहा था. अमेरिकी राष्ट्रपति ने ये माना कि थोड़ी बहुत मंदी देश में आ सकती है लेकिन अमेरिकी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत है कि इन चुनौतियों का सामना करने में उसे कोई दिक्कत नहीं आएगी. जब बाइडेन से पूछा गया कि क्या अमेरिकी जनता को मंदी की तैयारी करनी चाहिए तो उन्होंने जवाब में कहा बिलकुल नहीं.
कर्ज हो सकता है और महंगा!
अमेरिका का लेबर डिपार्टमेंट गुरूवार को महंगाई दर के आंकड़े जारी करेगा. वहीं कई जानकारों का मानना है कि अमेरिका में महंगाई बनी रह सकती है. जिसके चलते नवंबर महीने में फेडरल रिजर्व फिर से ब्याज दरों को बढ़ाने की घोषणा कर सकता है. हाल ही में जो जॉब डाटा जारी किया गया है उसमें बेरोजगारी दर सितंबर महीने में घटकर 3.5 फीसदी पर आ गया है. जिसके बाद ब्याज दरें बढ़ने की संभावना और बढ़ गई है.
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