अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन पिरामल ग्लास को एक अरब डॉलर में खरीदने जा रही है. ब्लैकस्टोन इसके लिए पिरामल ग्लास को सीधे 85 करोड़ डॉलर अदा करेगी. बाकी 15 करोड़ डॉलर दो से तीन साल में दिए जाएंगे. इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक ब्लैकस्टोन औैर पिरामल के बीच इस सौदे पर गुरुवार को सहमति हुई थी. इसका ऐलान बाद में किया जाएगा.
पिरामल ग्लास को एक्सपोर्ट मार्केट का सहारा
ब्लैकस्टोन ने पिरामल ग्लास की भारत और श्रीलंका स्थित ऑपरेशन को खरीदा है. पिरामल ग्रुप ने पिरामल ग्लास को अपने कोर बिजनेस के दायरे से बाहर कर दिया है. दरअससल कोविड-19 के इस दौर में स्पेशल ग्लास की मांग पूरी दुनिया में बढ़ी है. इंजेक्शन के जरिये शरीर में दवा पहुंचाने के लिए खास इंजेक्टेबल ड्रग्स के लिए स्पेशल ग्लास की जरूरत पड़ती है. पिरामल ग्लास को खरीद कर ब्लैकस्टोन इसी अवसर का फायदा उठाना चाहती है.
स्पेशलिटी ग्लास के मामले में अग्रणी कंपनी है पिरामल ग्लास
पिरामल ग्लास स्पेशलिटी ग्लास पैकेजिंग की सबसे बड़ी कंपनी है. इसके ग्लास का इस्तेमाल ज्यादातर फार्मा इंडस्ट्री, कॉस्मेटिक और परफ्यूम इंडस्ट्री में होती है. फूड एंड वेबरेज इंडस्ट्री में भी स्पेशल ग्लास का इस्तेमाल होता है. डिजाइनर ग्लास और शीशियों की मैन्यूफैक्चरर कंपनी पिरामल ग्लास का ग्लोबल ऑपरेशन है और इसके रेवेन्यू का आधा हिस्सा एक्सपोर्ट से आता है.
पिरामल ग्लास नेल पॉलिश के लिए बोतल बनाती हैं और इस मार्केट सेगमेंट में यह लीडर है. कॉस्मेटिक और फार्मास्यूटिकल्स सेगमेंट में भी यह मार्केट लीडर है. दरअसल दुनिया भर में मैन्यूफैक्चरिंग ग्लास की लेबर कॉस्ट बढ़ रही है. लिहाजा कंपनियां अब लागत कम करने के लिए भारत में काम करने वाली कंपनियों को तवज्जो दे रही हैं.
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