US Stock Market Crash: एशियाई शेयर बाजारों (Asian Stock Markets)  में सुनामी के बाद अमेरिकी शेयर बाजार (US Stock Market) में भी सोमवार 5 अगस्त 2024 के कारोबारी सत्र में हाहाकार मचा है. डाओ जोंस (Dow Jones) 1100 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है तो नैसडैक (Nasdaq) में 700 अंकों की गिरावट देखी जा रही है. एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) का स्टॉक 12 फीसदी तक जा फिसला है. फेसबुक (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा प्लेटफॉर्म्स ( Meta Platforms) समेत अमेजन (Amazon) के शेयर भी भारी बिकवाली देखी जा रही है. एप्पल (Apple) दो महीने के निचले लेवल तक जा फिसला है. 


सोमवार के दिन ग्लोबल शेयर बाजारों में गिरावट की शुरुआत जापान के स्टॉक एक्सचेंज निक्केई 225 (Nikkei 225) से शुरू हुई वो भारत और यूरोपीय बाजारों के होते हुए शाम तक अमेरिका तक जा पहुंची. डाओ जोंस 1100 अंकों तक नीचे जा फिसला है तो नैसडैक में 700 अंकों की गिरावट देखी गई. एस एंड पी 500 (S&P 500) 150 अंक तक नीचे जा फिसला. 


अमेरिकी स्टॉक्स पर नजर डालें तो आईफोन (iPhone) बनाने वाली एप्पल का स्टॉक दो महीने के निचले स्तर पर जा फिसला है. वॉरेन बफे के बर्कशायर हैथवे ने एप्पल में अपनी स्टेक को आधे तक घटा दिया है. फिलहाल स्टॉक 4.04 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है. माइक्रोसॉफ्ट में 4.6 फीसदी की गिरावट रही, अल्फाबेट यानि गूगल का स्टॉक 6 फीसदी, टेस्ला का शेयर 12 फीसदी, अमेजन का शेयर 8.3 फीसदी तक नीचे जा लुढ़का है. 


अमेरिकी चिप स्टॉक्स में बड़ी गिरावट देखी जा रही है. नीविडिया (NIVIDIA) के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट रही और ये दो महीने के निचले लेवल पर आ चुका है. कंपनी के नए एआई चिप में देरी की संभावना के चलते स्टॉक की पिटाई हुई है. अमेरिकी बैंकों के स्टॉक्स में भी गिरावट देखी जा रही है. जेपी मॉर्गन 3.5 फीसदी, मॉर्गन स्टैनली 4 फीसदी और बीओएफए 5.5 फीसदी तक नीचे जा फिसला है. बिट्कॉइन में तेज गिरावट के बाद क्रिप्टो से जुड़े स्टॉक्स भी औंधे मुंह जा गिरे हैं.     


अमेरिका अर्थव्यवस्था मंदी के मकड़जाल में फंस सकती है जिसके चलते पूरी दुनिया के शेयरबाजारों में गिरावट देखी जा रही है. कमजोर जॉब डिमांड डेटा के साथ मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में कमी के अमेरिकी शेयर बाजार में पिछले तीन सेशन से ये बड़ी गिरावट  है. अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सितंबर 2024 में फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना अब बढ़ गई है. 


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