Government Decision: सालों से घर मिलने और रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे नोएडा-ग्रेटर नोएडा के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है. उन्हें तीन महीने के अंदर घरों की रजिस्ट्री मिलने लगेंगी. उत्तर प्रदेश सरकार ने फ्लैटों की रजिस्ट्री 90 दिनों के अंदर करने के आदेश दिए हैं. यहां घरों को खरीद चुके लोग लंबे समय से आंदोलन कर रहे थे. उन्होंने कुछ दिनों पहले ही जंतर-मंतर पर जाकर धरना प्रदर्शन किया था. 


कोर्ट जा चुके फ्लैट मालिकों को करना होगा इंतजार 


यूपी सरकार ने गुरुवार को दिए अपने आदेश में कहा कि कोर्ट जा चुके फ्लैट मालिकों के अलावा सभी की रजिस्ट्री 90 दिनों के अंदर कर दी जाए. नोएडा में लगभग 2.3 लाख फ्लैट अभी भी रजिस्ट्री का इंतजार कर रहे हैं. इनमें से लगभग 1.2 लाख फ्लैट के मामले किसी न किसी वजह से एनसीएलटी (NCLT) या सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं. अधिकारियों के मुताबिक, बचे हुए 1.1 लाख फ्लैट में से ज्यादातर में लोग रहने लगे हैं. साथ ही कई लगभग पूरे होने वाले हैं. सबसे पहले इन्हीं की रजिस्ट्री की जाएगी.  


अमिताभ कांत रिपोर्ट की 13 सिफारिशें लागू


हाल ही में राज्य की कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूर किया था. नीति आयोग के पूर्व सदस्य अमिताभ कांत ने फंसे हुए प्रोजेक्ट पर हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की थी. यूपी सरकार ने इस रिपोर्ट की 13 सिफारिशें लागू करने का फैसला किया था. इसके तहत ब्याज दरों में छूट का लाभ लेने वाले डेवलपर्स को 60 दिन के अंदर पुनर्निर्धारित रकम का 25 फीसदी चुकाना होगा. इसके बाद नोएडा अथॉरिटी 15 दिनों के अंदर अप्रूवल की प्रक्रिया शुरु कर देगी.


तीन साल में प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ तो 20 फीसदी जुर्माना


हालांकि, यदि रजिस्ट्री का मूल्य कुल बकाया के 25 फीसदी से ज्यादा होगा तो डेवलपर को और पैसा देना होगा. बकाया 75 फीसदी रकम 1 से 3 साल के अंदर चुकानी होगी. अगर डेवलपर ने तीन साल के अंदर प्रोजेक्ट पूरा नहीं किया तो उन पर बकाया रकम का 20 फीसदी जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे डेवलपर्स को 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है.


46 महीने का ब्याज और जुर्माना हटा दिया जाएगा


डेवलपर्स को सरकार के फैसले से बड़ी राहत मिली है. उन पर से 46 महीने का ब्याज और जुर्माना हटा दिया जाएगा. नए निर्देशों के मुताबिक, कोविड-19 से प्रभावित हुए सभी डेवलपर्स को अप्रैल, 2020 से मार्च, 2022 तक के लिए छूट मिल जाएगी. इसके अलावा ओखला बर्ड सेंचुरी के आसपास ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा निर्माण कार्य पर रोक लगाने से प्रभावित डेवलपर्स पर फैसला नोएडा अथॉरिटी लेगी.


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