Indian Railways: वंदे भारत एक्सप्रेस भारत की सबसे मॉडर्न ट्रेन है. इस सेमी ऑटोमेटिक ट्रेन ने लोगों की यात्रा करने का तरीका ही बदल कर रख दिया है. नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) की सफलता ने भारतीय रेलवे को उत्साह से भर दिया और अब पूरे देश से ये ट्रेन चलाने की डिमांड उठती रहती है. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 6 रूट पर वंदे भारत एक्सप्रेस को शुरू किया था. साथ ही 2047 तक देश में 4500 वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का लक्ष्य रखा था. मगर, कुछ ऐसे रूट भी हैं, जहां वंदे भारत यात्रियों के लिए तरस रही है. ये सभी भारतीय रेलवे के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहे हैं.
इन वंदे भारत ट्रेनों को नहीं मिल रहे पैसेंजर
भारतीय रेलवे के अनुसार, 12 वंदे भारत एक्सप्रेस को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं. इनमें भुबनेश्वर से विशाखापट्टनम, टाटानगर से ब्रम्हपुर, रीवा से भोपाल, कलबुर्गी से बेंगलुरु, उदयपुर से आगरा, दुर्ग से विशाखापट्टनम, मंगलुरु से मडगांव, जोधपुर से साबरमती, हावड़ा से गया, मेरठ से लखनऊ, बहरामपुर से टाटानगर और नागपुर से सिकंदराबाद जैसे रूट शामिल हैं. इन रूट पर सीट ऑक्युपेंसी 50 फीसदी भी नहीं पहुंच पा रही है. लगभग आधी ट्रेन खाली जा रही है. कुछ रूट पर ट्रेन 10 फीसदी भी नहीं भर पा रही है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, वंदे भारत एक महंगी ट्रेन है. राजनीतिक दबाव में इन्हें कुछ ऐसे रूट पर भी शुरू किया गया है, जहां लोग इतना पैसा नहीं देना चाहते हैं.
अधिकतर रूट पर पूरी भरी चल रही यह ट्रेन
वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express) से भी ज्यादा है. यह देश की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन है. यह इंटरसिटी ट्रेन 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. अपनी मॉडर्न सुविधाओं के चलते यह अधिकतर रूट पर पूरी भरी चल रही है. इसे कारोबारी शहरों और धार्मिक जगहों को आपस में जोड़ने के लिए चलाया जा रहा है. अब इसका स्लीपर वर्जन (Vande Bharat Sleeper) भी लॉन्च होने वाला है. ऐसा माना जाता है कि स्लीपर न होने की वजह से भी कई रूट पर यात्री इसमें सफर नहीं करना चाहते.
कई रूट पर बढ़ाने पड़े वंदे भारत के कोच
रेलवे डेटा के अनुसार, मुंबई से अहमदाबाद, नई दिल्ली से वाराणसी, नई दिल्ली से कटरा जैसे कई रूट पर यह 100 फीसदी ऑक्युपेंसी के साथ चल रही है. साथ ही डिमांड भी बढ़ रही है. नई दिल्ली से वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस को 16 डिब्बों के साथ शुरू किया गया था. अब इस रूट पर दो वंदे भारत एक्सप्रेस 20 कोच के साथ चलाई जा रही हैं.
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