Indian Railways: रेलवे ने पिछले कुछ सालों में तेजी से मॉडर्न होने की दौड़ लगानी शुरू कर दी है. मॉडर्नाइजेशन की इस राह पर रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) और अमृत भारत एक्सप्रेस (Amrit Bharat Express) जैसी शानदार ट्रेनें शुरू की हैं. साथ ही रेलवे स्टेशनों को मॉडर्न बनाने की योजना भी तेजी से जारी है. अब भारतीय रेलवे वंदे भारत ट्रेन का मेट्रो वर्जन लाने की तैयारी में है. इसे फिलहाल वंदे भारत मेट्रो (Vande Bharat Metro) का नाम दिया गया है. यह ट्रेन छोटी दूरी की यात्राओं के लिए मुफीद साबित होगी. भारतीय रेलवे वंदे भारत मेट्रो का ट्रायल रन जुलाई से शुरू करने जा रही है. 


वंदे भारत मेट्रो में होंगे 4 से 16 कोच


रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, फिलहाल उनकी प्राथमिकता वंदे भारत मेट्रो है. इसमें 12 कोच होंगे. इनमें वंदे भारत से बड़े दरवाजे और साइड सीट भी होंगी. इस ट्रेन को तेजी से रफ्तार पकड़ने के हिसाब से डिजाइन किया गया है. इसे चार कोच, आठ कोच और 16 कोच वाले मॉडल में भी चलाया जा सकेगा. ज्यादा भीड़भाड़ वाले रूट्स पर ही 16 कोच वाली वंदे भारत मेट्रो चलाई जाएगी. यह ट्रेन उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी, जो कि रोजाना ट्रेन से सफर करते हैं. यह आसपास के शहरों में काम के लिए जाने वालों के लिए वरदान साबित होंगी. 


100 से 250 किमी की दूरी तक चलेगी 


बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रेलवे की योजना है कि वंदे मेट्रो ट्रेन को 100 से 250 किमी की दूरी तक चलाया जाए. पहले चरण में 124 शहरों को वंदे मेट्रो से आपस में जोड़ा जाएगा. इनमें से कुछ रूट लगभग तय किए जा चुके हैं. इनमें लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा और तिरुपति-चेन्नई शामिल हैं. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने 2022-23 में पहली बार इस ट्रेन का ऐलान किया था. फिलहाल चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस में सिर्फ बैठने की सीट हैं. इन्हें लंबी दूरी पर नहीं चलाया जाता है. इसलिए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भी जल्द लाई जाएगी. 


अलग से नहीं बिछाई जाएगी रेलवे लाइन 


भारतीय रेलवे के वंदे मेट्रो प्लान पर कई विशेषज्ञ चिंता जता चुके हैं. उनका कहना है कि मेट्रो और आरआरटीएस सिस्टम में अलग से लाइन बिछाई गई हैं. इसलिए वह तेजी से अपना सफर कर पाती हैं. मगर, वंदे मेट्रो को उन्हीं पटरियों पर चलना है, जिनका इस्तेमाल अन्य ट्रेन करती हैं. ऐसे में इनकी सफलता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा होता है. हालांकि, रेलवे अधिकारी ने इन चिंताओं को खारिज कर दिया है. 


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