वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल भारत के किस फैसले से हैं बेहद दुखी?
Anil Agarwal Networth: अनिल अग्रवाल को मेटल किंग के नाम से भी जाना जाता है जो कि वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन हैं.
Anil Agarwal Update: दुनिया के चौथे सबसे बड़े कोयले के भंडार वाले देश होने के बावजूद भारत को अपनी खपत को पूरा करने के लिए कोयला विदेशों से आयात करना पड़ता है. वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल इस बात से बेहद आहत हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उन्होंने अपनी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, जब भी मैं भारत के कोल इंपोर्ट में बढ़ोतरी से जुड़ी खबरों को पढ़ता हूं मैं बेहद दुखी हो जाता हूं. अनिल अग्रवाल ने कोयले के इंपोर्ट को फौरन बंद करने की मांग की है.
अप्रैल-जून तिमाही में 5.7% बढ़ा कोयले का इंपोर्ट
हाल ही में ये खबर आई कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में भारत के कोल इंपोर्ट में बढ़ोतरी आई है. मौजूदा वित्त वर्ष के अप्रैल-जून तिमाही में 5.7 फीसदी उछाल के साथ भारत को कोयला इंपोर्ट बढ़कर 75.26 मिलियन टन पर जा पहुंचा है जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 की इसी तिमाही में 71.16 मिलियन टन रहा था. मौजूदा वित्त वर्ष के जून महीने में कोयले के इंपोर्ट में 6.59 फीसदी का उछाल देखने को मिला है.
It makes me very sad whenever I read the news about a rise in India's coal imports. Actually, we should have no imports at all. We have the 4th largest reserves of coal in the world.
— Anil Agarwal (@AnilAgarwal_Ved) August 14, 2024
We should auction more coal mines and move to self-certification. Speed is key.
According to… pic.twitter.com/7OaeLbLJkX
भारत को नहीं करना चाहिए कोयला आयात
कोयले के इंपोर्ट में बढ़ोतरी की इस खबर से अनिल अग्रवाल परेशान हैं जो खुद दिग्गज माइनिंग-मेटल्स कंपनी वेदांता के प्रमुख हैं. अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, भारत के कोल इंपोर्ट में बढ़ोतरी की खबरों को पढ़ने पर मुझे बहुत पीड़ा होती है. उन्होंने कहा, हकीकत में हमें कोयला बिलकुल आयात नहीं करनी चाहिए. हमारे पास दुनिया में कोयले का चौथा सबसे बड़ा रिजर्व है. उन्होंने ज्यादा से ज्यादा कोल माइंस की नीलामी किए जाने की वकालत की और सेल्फ सर्टिफिकेशन की तरफ बढ़ने पर जोर दिया. उन्होंने कहा, इस सब में स्पीड सबसे प्रमुख बात होगी.
बंद हो कोयले का इंपोर्ट
अनिल अग्रवाल ने अपनो पोस्ट में लिखा, अनुमान के मुताबिक एनर्जी ट्रांजीशन (Energy Transition) की तरफ पूरी तरफ बढ़ने में हमें कई वर्ष अभी और लग जायेंगे. तब तक कोयला हमारे एनर्जी खपत के लिए सबसे प्रमुख भूमिका अदा करने वाला है. अनिल अग्रवाल ने कहा, कोयला के इंपोर्ट को बंद कर देना चाहिए. उन्होंने कहा, इससे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हमें आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. कोयले के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर जोर देते हुए अनिल अग्रवाल ने कहा कि इससे ज्यादा से ज्यादा नौकरियों का सृजन होगा साथ ही युवाओं के लिए अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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