Vedanta Debt Crisis: वेदांता के अनिल अग्रवाल को मिल पाएगी राहत? पैसे जुटाने के लिए गिरवी रखना पड़ा शेयर
Vedanta Fund Raise: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता इन दिनों कर्ज के भारी-भरकम संकट का सामना कर रही है. कंपनी को अगले चंद महीने के भीतर अरबों डॉलर की किस्तों का भुगतान करना है...
Vedanta HZL: धातु एवं खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) इन दिनों अभूतपूर्व कर्ज संकट का सामना कर रही है. कंपनी को अगले दो महीने में अरबों डॉलर का भुगतान करना है और इसके लिए फंड जुटाने के सभी विकल्पों को आजमाया जा रहा है. वेदांता ने इस क्रम में अब हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के शेयरों को गिरवी रखा है.
आधे से भी कम मिला भाव
वेदांता लिमिटेड ने इस बारे में शेयर बाजारों को जानकारी दी है. वेदांता लिमिटेड लंदन मुख्यालय वाली वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड की भारतीय अनुषंगी है. उसने बताया है कि हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के कुछ शेयरों को बंधक रखकर 1,500 करोड़ रुपये जुटाए गए हैं. दिलचस्प बात यह है कि कंपनी को इस डील में आधे से भी कम भाव मिले हैं. हिंदुस्तान जिंक के 2.44 फीसदी शेयरों को गिरवी रखा गया है, जिनकी बाजार वैल्यू करीब 3,300 करोड़ रुपये बैठती है.
इतने शेयर हो गए गिरवी
जानकारी के अनुसार, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के इन शेयरों को एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज के फेवर में गिरवी रखा गया है. एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज इस लोन डील में फैसिलिटी एजेंट है. ताजे सौदे के बाद हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में प्रवर्तकों के गिरवी रखे गए शेयरों का हिस्सा बढ़कर 91.35 फीसदी हो गया है. ये शेयर 4 अलग-अलग सौदों में गिरवी रखे गए हैं. वेदांता लिमिटेड में प्रवर्तकों की पूरी हिस्सेदारी पहले से ही गिरवी है.
ऐसे फंड जुटाने का प्लान
पिछले सप्ताह वेदांता लिमिटेड ने बताया था कि वह एनसीडी के जरिए प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर 2,100 करोड़ रुपये जुटाएगी. इससे पहले खबरों में बताया गया था कि वेदांता लिमिटेड ने 01 बिलियन डॉलर के कर्ज की गारंटी देने के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी की मांग की है. वेदांता की एक विदेशी अनुषंगी के जरिए कर्ज के रूप में फंड जुटाने की योजना है, जिसके लिए वेदांता लिमिटेड गारंटी देगी. बाद में फंड को लंदन मुख्यालय वाली होल्डिंग कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड को लाभांश के माध्यम से भेज दिया जाएगा. खबरों में यह भी दावा किया गया था कि 01 बिलियन डॉलर के इस प्रस्तावित लोन के लिए वेदांता समूह की जेपी मॉर्गन, बार्कलेज, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, दोएचे बैंक से बातचीत चल रही है, जो ब्याज दर के चलते अटकी हुई है.
दो महीने में चुकाने हैं इतने कर्ज
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) ने मार्च में बताया था कि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड को जून के अंत तक कर्ज की किस्तों के रूप में करीब 1.7 बिलियन डॉलर यानी 13,885 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. वेदांता कर्ज की इन किस्तों का भुगतान (Vedanta Debt Repayment) करने के लिए फंडिंग के विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है. कर्ज के उच्च स्तर को देखते हुए मार्च में क्रिसिल ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड (Vedanta Rating Downgrade) कर दिया था.
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