Vedanta Debt Crisis: कर्ज संकट में फंसी वेदांता को चाहिए और कर्ज, आरबीआई से मांगी ये मंजूरी
Vedanta Funding Plan: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता इन दिनों कर्ज के भारी-भरकम संकट का सामना कर रही है. कंपनी को अगले चंद महीने के भीतर अरबों डॉलर की किस्तों का भुगतान करना है...
Vedanta Total Debt: धातु एवं खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) के सामने कर्ज की भारी-भरकम किस्तें चुकाने का दबाव है. कंपनी कर्ज की किस्तों का भुगतान (Vedanta Debt Repayment) करने के लिए फंडिंग के विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है. इस बीच वेदांता रिसॉर्सेज की भारतीय इकाई वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) ने रिजर्व बैंक से एक जरूरी मंजूरी की मांग की है.
कंपनी ने तैयार की ये योजना
ईटी की एक खबर के अनुसार, वेदांता लिमिटेड ने 01 बिलियन डॉलर के कर्ज की गारंटी देने के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी की मांग की है. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वेदांता की एक विदेशी अनुषंगी के जरिए फंड जुटाने की योजना है, जिसके लिए वेदांता लिमिटेड गारंटी देगी. बाद में फंड को लंदन मुख्यालय वाली होल्डिंग कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड को लाभांश के माध्यम से भेज दिया जाएगा.
इन बैंकों से चल रही है बात
खबरों के अनुसार, प्रस्तावित लोन वेदांता लिमिटेड की मॉरिशस स्थित पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी टीएचएल जिंक वेंचर्स के जरिए जुटाने की योजना है. 01 बिलियन डॉलर के इस प्रस्तावित लोन के लिए वेदांता समूह की जेपी मॉर्गन, बार्कलेज, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, दोएचे बैंक से बातचीत चल रही है. अभी वेदांता समूह और बैंकों के बीच प्रस्तावित लोन को लेकर बातचीत ब्याज दर के चलते अटकी हुई है.
तीन महीने में इतने फंड की जरूरत
वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड अभी गंभीर कर्ज संकट से जूझ रही है. कंपनी को जून के अंत तक कर्ज की किस्तों के रूप में करीब 02 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है. वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने हाल ही में बताया था कि उसने इस साल मार्च तक की सारी देनदारियों का भुगतान पहले ही कर दिया है. कंपनी ने जून तिमाही के अंत तक किए जाने वाले सभी भुगतान को लेकर भी भरोसा जाहिर किया था.
चेयरमैन ने किया था ये दावा
वहीं कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Vedanta Chairman Anil Agarwal) ने भी एक हालिया इंटरव्यू में किस्तों को चुकाने को लेकर भरोसा जाहिर करते हुए कहा था कि यह मूंगफली के दाने बराबर है. अनिल अग्रवाल ने यह भी दावा किया था कि हर कोई वेदांता को पैसे देना चाहता है. हालांकि उन्होंने किसी बैंक या फंड का नाम नहीं बताया था.
हिस्सा बेचने का नहीं है प्लान
इससे पहले ऐसी भी खबरें आई थीं कि वेदांता कर्ज चुकाने के लिए हिस्सेदारी बेचने की संभावनाओं पर गौर कर रही है. खबरों में दावा किया गया था कि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड भारत में लिस्टेड अपनी कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Ltd) की 10 फीसदी हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री करने के लिए इन्वेस्टर्स से संपर्क कर रही है. हालांकि वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने हिस्सेदारी की बिक्री से जुड़ी खबरों का खंडन किया है. कंपनी का साफ कहना है कि हिस्सेदारी बेचने की उसकी कोई योजना नहीं है.
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