Vedanta Crisis: बढ़ी कर्ज संकट में फंसी वेदांता की मुसीबतें, अनिल अग्रवाल के सामने आई ये नई चुनौती
Vedanta Crisil Rating: माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता इन दिनों कर्ज के भारी-भरकम संकट का सामना कर रही है. कंपनी को अगले चंद महीने के भीतर अरबों डॉलर की किस्तों का भुगतान करना है...
Vedanta Rating Downgrade: पहले से कर्ज संकट का सामना कर रही धातु एवं खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. अब रेटिंग एजेंसी क्रिसिल (Crisil) ने वेदांता को झटका दिया है. एजेंसी ने कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड (Vedanta Rating Downgrade) कर दिया है. क्रिसिल ने यह कदम हाल ही में घोषित लाभांश को लेकर उठाया है.
कंपनी ने किया लाभांश का ऐलान
वेदांता ने मंगलवार को 20.50 रुपये प्रति शेयर के अंतरिम लाभांश (Vedanta Interim Dividend) का ऐलान किया, जो इस साल का पांचवां लाभांश है. इसके साथ ही डिविडेंड के रूप में कंपनी का कुल आउटफ्लो 37,733 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा. अगर इसके साथ सब्सिडियरी हिंदुस्तान जिंक के लाभांश (Hindustan Zinc Dividend) को मिला दिया जाए तो कुल लाभांश भुगतान 40 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा हो जाएगा.
इस कारण घटाई गई रेटिंग
क्रिसिल ने इसी कारण वेदांता की क्रेडिट रेटिंग को स्टेबल से घटाकर निगेटिव कर दिया है. क्रिसिल का मानना है कि लाभांश के रूप में ज्यादा भुगतान करने से वेदांता की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और उसके संसाधन सीमित हो सकते हैं. रेटिंग एजेंसी को इस बात की भी आशंका है कि आने वाले समय में वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड कर्ज की देनदारियों के लिए सहयोगी कंपनियों के लाभांश पर ज्यादा निर्भर हो सकती है.
ऐसी है वेदांता की योजना
क्रिसिल की यह चिंता बेबुनियाद भी नहीं है, क्योंकि इस बार के अधिक लाभांश भुगतान की सीधा संबंध पैरेंट कंपनी की देनदारियों से है. वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड अभी गंभीर कर्ज संकट से जूझ रही है. कंपनी को जून के अंत तक कर्ज की किस्तों के रूप में करीब 02 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है. कंपनी कर्ज की किस्तों का भुगतान (Vedanta Debt Repayment) करने के लिए फंडिंग के विभिन्न विकल्पों पर गौर कर रही है. इन विकल्पों में सहयोगी कंपनियों से ज्यादा से ज्यादा लाभांश भुगतान जुटाना भी शामिल है.
वेदांता के सामने ये देनदारियां
क्रिसिल ने रेटिंग डाउनग्रेड करते हुए इन बातों का जिक्र किया है. एजेंसी के अनुसार, वेदांता रिसॉर्सेज को वित्त वर्ष 2023-24 और 2024-25 दोनों के दौरान करीब 3-3 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है. अप्रैल से शुरू हो रहे वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही कंपनी के 1.7 बिलियन डॉलर के बॉन्ड मैच्योर हो रहे हैं. वेदांता रिसॉर्सेज कर्ज की इन किस्तों के भुगतान के लिए लगातार फंड जुटाने का प्रयास कर रही है. हालांकि क्रिसिल का मानना है कि वेदांता रिसॉर्सेज के फंड जुटाने के प्रयासों को लेकर चल रही बातचीत की प्रक्रिया अनुमान से धीमी है.
कर्ज जुटाने का भी हो रहा प्रयास
इससे पहले खबरों में बताया गया था कि वेदांता लिमिटेड ने 01 बिलियन डॉलर के कर्ज की गारंटी देने के लिए रिजर्व बैंक से मंजूरी की मांग की है. वेदांता की एक विदेशी अनुषंगी के जरिए कर्ज के रूप में फंड जुटाने की योजना है, जिसके लिए वेदांता लिमिटेड गारंटी देगी. बाद में फंड को लंदन मुख्यालय वाली होल्डिंग कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड को लाभांश के माध्यम से भेज दिया जाएगा. खबरों में यह भी दावा किया गया था कि 01 बिलियन डॉलर के इस प्रस्तावित लोन के लिए वेदांता समूह की जेपी मॉर्गन, बार्कलेज, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, दोएचे बैंक से बातचीत चल रही है, जो ब्याज दर के चलते अटकी हुई है.
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