मेटल व माइनिंग सेक्टर की कंपनी वेदांता ने कर्ज का बोझ कम करने की नई योजना तैयार की है. कंपनी इसके लिए अरबों डॉलर के कर्ज का पुनर्भुगतान करने वाली है. वेदांता की योजना अगले 3 साल में कर्ज के बोझ को 3 बिलियन डॉलर कम करने की है.
अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता लिमिटेड ने एक हालिया एनालिस्ट मीट में अपनी इस योजना की जानकारी दी. कंपनी ने एनालिस्ट मीट में कहा कि उसकी योजना पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड के कुल कर्ज को वित्त वर्ष 2026-27 तक 3 बिलियन डॉलर कम करने की है. यह काम भारत में लिस्टेड कंपनी के ऊपर कर्ज के बोझ को बढ़ाए बिना किया जाएगा.
इन संपत्तियों को बेचने की तैयारी
वेदांता आने वाले दिनों में लौह अयस्क और इस्पात से जुड़ी अपनी संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने वाली है. कंपनी अपने आयरन ओर व स्टील एसेट को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में मनीटाइज कर सकती है. पहले इन्हें चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही यानी मार्च 2024 तक बेचने की योजना थी. अब इन्हें अप्रैल से जून 2024 के बीच बेचने की योजना है.
छह वर्टिकल में डिमर्ज करने की योजना
वेदांता अपनी भारतीय यूनिट को छह अलग वर्टिकल में डिमर्ज करना चाहती है. इसे भी अगले वित्त वर्ष के अंत तक यानी अगले एक साल में पूरा किया जा सकता है. वेदांता ने 2012 से 2017 के दौरान अपनी विभिन्न एंटिटीज का मर्जर किया था. पहले उसकी योजना शेयर बाजार में एक से ज्यादा कंपनी को लिस्ट कराने की भी थी.
45 फीसदी चढ़ने की गुंजाइश
वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड एक ग्लोबल मेटल-माइनिंग कंपनी है, जिसका हेडक्वार्टर लंदन में है. वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड की भारतीय अनुषंगी वेदांता लिमिटेड है, जो भारत में शेयर बाजारों पर लिस्टेड है. वेदांता का शेयर आज एनएसई पर 1.73 फीसदी उछलकर 272.70 रुपये पर बंद हुआ. ब्रोकरेज फर्म नुवामा ने इसे बाय रेटिंग के साथ 394 रुपये का टारगेट दिया है. यानी इस शेयर में 45 फीसदी चढ़ने की गुंजाइश है.
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