Vedanta: नए कलेवर में दिखेगा वेदांता का कारोबार, चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने बताया फ्यूचर प्लान
Anil Agarwal: वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि डीमर्जर के बाद कारोबार में निवेश लाना आसान हो जाएगा और कंपनियां स्वतंत्र होकर अपने फैसले ले सकेंगी.
Anil Agarwal: वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) ने इस साल अपने कारोबार में बड़े बदलाव की तैयारी कर ली है. कंपनी के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) का कहना है कि अब हम एसेट मैनेजर से एसेट मालिक बनने की तैयारी कर रहे हैं. वेदांता ग्रुप अपने कारोबार के डीमर्जर (Vedanta Demerger Scheme) की तैयारियों में जुटी हुई है. अनिल अग्रवाल ने बताया कि इस डीमर्जर के बाद वेदांता का कारोबार नए कलेवर में और मजबूत होकर दिखाई देगा. यह न सिर्फ ग्रुप बल्कि निवेशकों के लिए भी अच्छे नतीजे लेकर आएगा.
डीमर्जर के बाद हर सेक्टर की अलग कंपनी होगी
वेदांता का कंसोलिडेटेड नेट प्रॉफिट 30 जून, 2024 को समाप्त पहली तिमाही में 36.5 फीसदी बढ़कर 3,606 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. कॉस्ट रिडक्शन के चलते कंपनी का लाभ बढ़ा है. वेदांता चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा है कि करीब 15 सेगमेंट में फैला हमारा कारोबार डीमर्जर की प्रक्रिया से गुजर रहा है. इस डीमर्जर के सफल होने के बाद कई स्वतंत्र कंपनियां सामने आएंगी. डीमर्जर के बाद एल्युमिनियम, ऑयल एंड गैस, पावर, स्टील एंड बेस मेटल कारोबार को चलाने वाली कंपनियां स्वतंत्र होकर अपने फैसले लेंगी. जिंक और नए कारोबार फिलहाल वेदांता के अधीन ही रहेंगे.
NCLT में पेश की जा चुकी है वेदांता की डीमर्जर स्कीम
अनिल अग्रवाल ने कहा कि हम अपने कारोबार मॉडल को बदलने जा रहे हैं. अभी हम करीब 15 सेक्टर में काम करते हैं. वेदांता चेयरमैन ने कहा कि कंपनी बदलाव के दौर से गुजर रही है. हम अपने एसेट को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. हमें दुनिया के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में अपनी जगह मजबूती से बनानी है. नेचुरल रिसोर्स कंपनी वेदांता लिमिटेड ने कर्जदाताओं से मंजूरी मिलने के बाद नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में डिमर्जर स्कीम पेश की है. उसे उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
स्वतंत्र कारोबार में निवेश लाना हो जाएगा आसान
वेदांता को अपने इस डीमर्जर के लिए 75 फीसदी कर्जदाताओं से मंजूरी मिल गई है. डिमर्जर से स्वतंत्र कारोबार बनाकर कंपनी के कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर को सरल बनाने में मदद मिलेगी. साथ ही वेदांता ग्रुप को इनवेस्टमेंट लाने में भी मदद मिलेगी. कंपनी ने 1.9 अरब डॉलर का निवेश अपने सभी कारोबारों में किया था. अप्रैल से जून तिमाही में कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 34,279 करोड़ रुपये से बढ़कर 36,698 करोड़ रुपये हो गया है. वेदांता लिमिटेड, वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta Resources) की सब्सिडियरी कंपनी है. इसका कारोबार भारत, दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में फैला हुआ है.
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