खनन सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता पिछले कुछ समय से कर्ज संकट का सामना कर रही है. हालांकि कंपनी ने लगातार अपने कर्जों का पुनर्भुगतान किया है, लेकिन अभी भी उसके ऊपर अरबों डॉलर के कर्ज का बोझ है. खनन कंपनी को अब एक ब्लॉक डील से 1 बिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है.


अडानी को उबरने में की थी मदद


वेदांता को यह फंडिंग मिल सकती है जीक्यूजी पार्टनर्स से. जीक्यूजी पार्टनर्स एक इन्वेस्टमेंट फर्म है, जो करीब साल भर पहले सुर्खियों में आई थी. पिछले साल जनवरी में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद जब हर कोई अडानी के शेयरों को बेच रहा था, जीक्यूजी पार्टनर्स ने अडानी समूह के शेयरों में करीब 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया था. अडानी समूह को निवेशकों का भरोसा फिर से बहाल करने में जीक्यूजी पार्टनर्स के निवेश से काफी मदद मिली थी.


ब्लॉक डील से हो सकती है फंडिंग


अब जीक्यूजी पार्टनर्स की मदद से वेदांता को कर्ज के जाल से निकलने में मदद मिल सकती है. ईटी नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वेदांता और जीक्यूजी पार्टनर्स के बीच इसे लेकर बातचीत चल रही है. यह बातचीत 1 बिलियन डॉलर की डील को लेकर है. अगर सब ठीक रहा तो जीक्यूजी पार्टनर्स माइनिंग कंपनी में 1 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकती है. सौदा शेयर बाजार पर ब्लॉक डील के जरिए हो सकता है.


वेदांता के ऊपर कुल इतना कर्ज


हालांकि अभी इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. न तो जीक्यूजी पार्टनर्स ने और न ही वेदांता ने इस प्रस्तावित सौदे की पुष्टि की है. वेदांता पिछले कुछ समय से काफी सक्रियता से अपने कर्ज के बोझ को कम कर रही है. इसके लिए वेदांता और समूह की कंपनियों ने फंड जुटाने के विभिन्न उपायों पर अमल किया है. दिसंबर अंत तक के आंकड़ों के अनुसार, वेदांता के ऊपर कुल 62,493 करोड़ रुपये (7.5 बिलियन डॉलर) का नेट डेट था.


अभी इतनी है प्रमोटर की हिस्सेदारी


वेदांता लिमिटेड भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी है, जिसकी प्रमोटर लंदन बेस्ड वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड है. वेदांता लिमिटेड में अभी प्रमोटर की हिस्सेदारी (समूह से जुड़े अन्य निकायों की हिस्सेदारी समेत) 63.71 फीसदी है. अगर जीक्यूजी पार्टनर्स के साथ डील फाइनल होती है तो वेदांता को अपने कुल कर्ज को कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही निवेशकों को इस बात का मैसेज मिलेगा कि प्रमोटर कर्ज को कम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.


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