मेटल व माइनिंग सेक्टर के दिग्गज बिजनेसमैन अनिल अग्रवाल की कंपनी वेदांता जल्द ही अपने स्टील बिजनेस को बेचने वाली है. कंपनी की योजना स्टील के साथ-साथ रॉ मटीरियल्स बिजनेस को भी बेचकर पैसे जुटाने की है. इसकी जानकारी चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने दी है.


बिजनेस बेचकर चुकाएगी कर्ज


वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कंपनी की सालाना रिपोर्ट 2023-24 में इसके बारे में बताया. उन्होंने कहा कि वेदांता लिमिटेड अपने कर्ज को कम करने के लिए स्टील एंड रॉ मटीरियल्स बिजनेस को बेचकर पैसे जुटाएगी. वेदांता ने इसके लिए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही का समय तय किया है. चालू वित्त वर्ष 1अप्रैल से शुरू हुआ है. यानी वेदांता अपने स्टील बिजनेस को सितंबर महीने तक बेचना चाह रही है.


इतना कर्ज कम कर चुकी है कंपनी


वेदांता समूह पिछले कुछ सालों से कर्ज के अपने बोझ को कम करने का प्रयास कर रहा है. होल्डिंग कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज के कर्ज को बीते 2 साल में 3.7 बिलियन डॉलर कम किया जा चुका है. हालांकि कंपनी ने कर्ज में 4 बिलियन डॉलर की कमी लाने का लक्ष्य तय किया था. अनिल अग्रवाल ने इस मोर्चे पर कहा कि वेदांता रिसॉर्सेज के कर्ज को अगले 3 साल में 3 बिलियन डॉलर कम करने का लक्ष्य तय किया गया है.


इस सौदे से शुरू किया स्टील बिजनेस


वेदांता ने 2018 में इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स लिमिटेड का अधिग्रहण कर स्टील बिजनेस में कदम रखा था. वेदांता ने वह सौदा इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस के तहत किया था. कंपनी ने इन बिजनेस की रणनीतिक समीक्षा पिछले साल जून महीने में शुरू की थी. उस समय कंपनी ने कहा था कि मार्च 2024 तक इन बिजनेस को डिमर्ज करने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी.


वेदांता रिसॉर्सेज पर इतना बकाया


वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड के ऊपर 31 मार्च 2024 तक 6 बिलियन डॉलर का कुल कर्ज था. कंपनी ने पिछले साल 3.2 बिलियन डॉलर के बॉन्ड को रिस्ट्रक्चर किया था. इससे कंपनी को कैपेक्स पर फोकस करने में मदद मिली है. अनिल अग्रवाल का कहना है कि वेदांता की योजना इस साल 1.9 बिलियन डॉलर के कैपिटल एक्सपेंडिचर की है. यह पिछले साल के 1.4 बिलियन डॉलर की तुलना में ज्यादा है.


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