Vedanta Total Debt: धातु एवं खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) पिछले कुछ समय से गंभीर कर्ज संकट का सामना कर रही है. कंपनी कर्ज चुकाने के लिए खूब हाथ-पैर चला रही है. हालांकि इसके बाद भी खनन कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान राजनीतिक दलों को खुले हाथों से चंदा दिया है.


कंपनी की सालाना रिपोर्ट में जानकारी


कंपनी की सालाना रिपोर्ट के हवाले से पीटीआई की एक खबर में बताया गया है कि उसने मार्च 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को 155 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. इससे पहले 2021-22 में कंपनी ने 123 करोड़ रुपये का चंदा दिया था. इस तरह देखें तो वेदांता के पॉलिटिकल चंदे में तेजी आई है.


पांच सालों में दिया इतना चंदा


हालांकि कंपनी ने यह नहीं बताया है कि उसने किन-किन राजनीतिक दलों को चंद दिया है और कितनी-कितनी रकम दी गई है. मोदी सरकार ने 2017-18 में चुनावी फंडिंग के लिए चुनावी बांड की व्यवस्था शुरू की थी. कोई भी व्यक्ति या कॉरपोरेट एसबीआई से चुनावी बांड खरीद सकता है और इसे किसी भी राजनीतिक दल को दान कर सकता है. बाद में राजनीतिक दल उन्हें कैश करा लेते हैं. पिछले पांच सालों में वेदांता ने चुनावी बांड के जरिए राजनीतिक दलों को कुल 457 करोड़ रुपये का चंदा दिया है.


वेदांता ने रखा है ये लक्ष्य


वेदांता ने यह चंदा ऐसे समय दिया है, जब वह भारी कर्ज के संकट का सामना कर रही है. हालांकि कंपनी ने जल्द से जल्द खुद को कर्जमुक्त करने का लक्ष्य तय किया है, जिसे पाने के लिए वह तेजी से कर्ज चुका रही है. वेदांता रिसॉर्सेज ने मई में बताया था कि उसने स्टैंडर्ड चार्टर्ड को 800 मिलियन डॉलर यानी 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है. वहीं अप्रैल में कंपनी ने 1 बिलियन डॉलर के बकाये का भुगतान करने की जानकारी दी थी.


कर्ज चुकाने में आई है तेजी


कंपनी ने फरवरी, 2022 में कर्ज चुकाने में तेजी लाने की घोषणा की थी. अप्रैल महीने तक कंपनी अपने कर्ज में तीन अरब डॉलर की कमी ला चुकी थी. कंपनी की योजना तीन साल में 4 अरब डॉलर का कर्ज कम करने की है. अब इसमें से 80 करोड़ डॉलर के और कर्ज चुकाए जा चुके हैं. वेदांता ने इसी महीने अपनी दो प्रतिद्वंदी कंपनियों के पास शेयर गिरवी रखकर 450 मिलियन डॉलर की रकम जुटाई थी.


गिरवी रखने पड़ गए शेयर


नोमुरा ने एक रिपोर्ट में बताया था कि वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड प्रतिद्वंदी कंपनी ट्राफिगुरा से मिली 200 मिलियन डॉलर की फंडिंग का इस्तेमाल ओकट्री का 150 मिलियन डॉलर का बकाया चुकाने में कर सकती है. इसके अलावा वेदांता को एक अन्य प्रतिद्वंदी कंपनी ग्लेनकोर से 250 मिलियन डॉलर की फंडिंग मिली थी. नोमुरा ने कहा था कि वेदांता कर्ज चुकाने के लिए 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने का प्रयास कर रही है.


ये भी पढ़ें: अपनी आर्मी रखने वाला बिजनेसमैन, जिसने पुतिन को कर दिया चैलेंज, इतनी है टोटल नेटवर्थ