Vedanta Total Debt: धातु एवं खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड (Vedanta Resources Ltd) पिछले कुछ समय से गंभीर कर्ज संकट का सामना कर रही है. कंपनी के सामने भारी-भरकम देनदारियों को चुकाने की चुनौती है. इसके लिए वेदांता फंड जुटाने के हरसंभव प्रयास कर रही है और चारों तरफ हाथ-पैर चला रही है. इन प्रयासों के तहत लंदन मुख्यालय वाली वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ने अब अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों से पैसे जुटाए हैं.
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनिल अग्रवाल की कंपनी ने दो प्रतिद्वंदियों ट्राफिगुरा (Trafigura) और ग्लेनकोर (Glencore) से 450 मिलियन डॉलर लिए हैं. इससे पता चलता है कि वेदांता को बैंकों अथवा प्राइवेट क्रेडिट जैसे पारंपरिक तरीकों से पैसे जुटाने में दिक्कतें आ रही हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता रिसार्सेज ने सिर पर सवार देनदारियों को उतारने के लिए मजबूर होकर यह रास्ता अपनाया है.
2 प्रतिस्पर्धियों से मिली मदद
ट्राफिगुरा ग्रुप एक कमॉडिटी ट्रेडिंग कंपनी है. इससे वेदांता रिसॉर्सेज को 200 मिलियन डॉलर मिले हैं. वहीं खनन एवं प्राकृतिक संसाधन कंपनी ग्लेनकोर इंटरनेशनल एजी से वेदांता को 250 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए हैं. वेदांता ने यह फंडिंग शेयरों को गिरवी रखकर जुटाई है. इसके लिए वेदांता ने ग्लेनकोर के पास अपने 4.4 फीसदी शेयरों को गिरवी रखा है. वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी है.
शेयरों को गिरवी रखकर मिला फंड
नोमुरा की एक रिपोर्ट के अनुसार, वेदांता लिमिटेड की पैरेंट कंपनी वेदांता रिसॉर्सेज लिमिटेड ट्राफिगुरा से मिली इस फंडिंग का इस्तेमाल ओकट्री का 150 मिलियन डॉलर का बकाया चुकाने में कर सकती है. वहीं ग्लेनकोर से जुटाई गई 250 मिलियन डॉलर की फंडिंग के लिए शेयरों को गिरवी रखे जाने की जानकारी खुद वेदांता ने शेयर बाजारों को दी है.
1 बिलियन डॉलर जुटाने का प्रयास
नोमुरा ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा था कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में वेदांता को अपने 13.57 फीसदी बॉन्ड के लिए भुगतान करना है. इसके लिए वेदांता 1 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाने का प्रयास कर रही है. इससे पहले ऐसी भी खबरें आई थीं कि वेदांता हिस्सेदारी को गिरवी रखकर या बिजनेस लोन लेकर फंड जुटाने का प्रयास कर रही है. इसके लिए वेदांता समूह और कुछ वैश्विक बैंकों के बीच बातचीत भी चल रही थी.
तेजी से चुका रही है कर्ज
कंपनी ने हाल के महीनों के दौरान कर्ज के भुगतान को तेज किया है. वेदांता का लक्ष्य एक कर्जमुक्त कंपनी बनने का है. वेदांता रिसॉर्सेज ने मई में बताया था कि उसने स्टैंडर्ड चार्टर्ड को 800 मिलियन डॉलर यानी 6,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया है. वहीं अप्रैल में कंपनी ने 1 बिलियन डॉलर के बकाये का भुगतान (Vedanta Debt Repayment) करने की जानकारी दी थी. कंपनी ने फरवरी, 2022 में कर्ज चुकाने में तेजी लाने की घोषणा की थी. अप्रैल महीने तक कंपनी अपने कर्ज में तीन अरब डॉलर की कमी ला चुकी थी. कंपनी की योजना तीन साल में 4 अरब डॉलर का कर्ज कम करने की है. अब इसमें से 80 करोड़ डॉलर के और कर्ज चुकाए जा चुके हैं.
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