(Source: Poll of Polls | 6 PM)
Veg Thali: महंगी हो गई आपकी थाली, सब्जियों की आसमान छूती कीमतों से बिगड़ा बजट
Food Prices: प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें तेजी से ऊपर गई हैं. साथ ही दालों के रेट भी बढ़ रहे हैं. हालांकि, गैस सिलेंडर की कीमत में कमी की वजह से स्थिति ज्यादा बिगड़ती नहीं दिखाई दे रही.
Food Prices: इन दिनों सब्जियों की कीमतों में जबरदस्त उछाल आया हुआ है. इसकी मार आपकी थाली पर पड़ी है. महंगी सब्जियों के चलते वेज थाली की कीमतों में 11 फीसदी से ज्यादा का उछाल आया है. एक साल पहले जो वेज थाली 28.1 रुपये की थी, वह अब 31.3 रुपये की हो गई है. वेज थाली के रेट में सब्जियों की कीमत करीब 37 फीसदी योगदान देती है. उधर, चिकन की कीमतों में आई कमी से नॉन वेज थाली में राहत मिली है. इसकी कीमत करीब 2 फीसदी कम हुई है. सितंबर में नॉन वेज थाली करीब 59.3 रुपये की हो गई है.
प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें तेजी से ऊपर गईं
क्रिसिल (Crisil) की रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य महंगाई में एक बार फिर से उछाल आने लगा है. इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी पर बुरा असर पड़ा है. साथ ही मासिक बजट भी बिगड़ रहा है. इस दौरान प्याज, आलू और टमाटर की कीमतें तेजी से ऊपर गई हैं. प्याज करीब 53 फीसदी, आलू 50 फीसदी और टमाटर 18 फीसदी महंगा हुआ है. आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में खराब मौसम के चलते आलू और प्याज की आवक कम हो गई है. इसके चलते रेट नीचे नहीं आ रहे हैं.
सिलेंडर की कीमत ने थामा हुआ है महंगाई को
दाल के रेट वेज थाली में करीब 9 फीसदी योगदान देते हैं. उत्पादन में कमी के चलते दालों के रेट भी करीब 14 फीसदी ऊपर चले गए हैं. क्रिसिल की इस मासिक रिपोर्ट में थाली के दाम तय करने के लिए दाल, पोल्ट्री, सब्जियों, मसाले, खाद्य तेल और गैस के दाम पर ध्यान दिया जाता है. इस रिपोर्ट में देश के सभी क्षेत्रों के आंकड़े शामिल किए जाते हैं. क्रिसिल के अनुसार, गैस सिलेंडर की कीमत में पिछले साल के मुकाबले करीब 100 रुपये की कमी आई है. यह 903 रुपये से घटकर अब 803 रुपये पर पहुंच गया है. इसकी वजह से वेज और नॉन वेज थाली के दाम में ज्यादा नहीं दिखाया दे रहा.
ब्याज दरों पर आरबीआई की MPC मीटिंग अगले हफ्ते
अगस्त में रिटेल इंफ्लेशन में तेजी देखी गई थी. जुलाई में यह आंकड़ा 3.54 थी, जो कि अगस्त में बढ़कर 3.65 फीसदी पर पहुंच गया. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अगस्त में मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) की बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला किया था. अब अगले हफ्ते होने जा रही बैठक में सभी की नजर आरबीआई पर है. फेड रिजर्व के ब्याज दरें घटाने के बाद आरबीआई पर भी रेपो रेट (Repo Rate) को 6.50 फीसदी से नीचे लाने का दबाव है.
ये भी पढ़ें