Vehicle Insurance Renewal: अगर आप भी अपनी गाड़ी चलाते हैं, तो निश्चित ही इंश्योरेंस (Motor Insurance) यानी बीमा की जरूरत से वाकिफ होंगे. बीमा की जरूरत न सिर्फ पुलिस चालान से बचने के लिए होती है, बल्कि दुर्घटना या किसी अनहोनी की स्थिति में इससे बहुत मदद मिलती है. हालांकि गाड़ियों का बीमा खरीदना कोई आसान काम नहीं है. चाहे आप नई गाड़ी के लिए बीमा खरीद रहे हों या पुरानी हो चुकी गाड़ी का बीमा रिन्यू करा रहे हों, माथापच्ची होती ही है.
रिन्यू कराते समय होती है दिक्कतें
बीमा रीन्यू कराते समय जिस बात से सबसे ज्यादा समस्या होती है, वह है यह तय करना कि कौन सी पॉलिसी बेहतर रहेगी? एक साल का प्लान खरीदें या फिर कई सालों वाला प्लान फायदा कराएगा? कई सालों वाला प्लान खरीदकर कहीं फंस न जाएं? इस तरह की तमाम बातें दिमाग में आती हैं और लोग भ्रमित होते रहते हैं, जिससे निर्णय ले पाना और मुश्किल हो जाता है. तो आइए हम आसान करते हैं आपकी यह परेशानी...
सिंगल ईयर बनाम मल्टी ईयर प्लान
सबसे पहले बात करते हैं कई सालों वाले प्लान यानी मल्टी ईयर पॉलिसी की. इसमें बीमा को हर साल रिन्यू कराने का झंझट नहीं रहता है. न ही हर साल इसके लिए पैसे का जुगाड़ करना पड़ता है. एक से ज्यादा गाड़ी होने पर माथापच्ची और बढ़ जाती है. सबकी रिन्यूअल की डेट याद रखो, फिर सबको भरो. ऐसे में मल्टी ईयर प्लान खरीदना फायदे का सौदा है.
मल्टी ईयर प्लान के ये भी फायदे
कई सालों वाले प्लान का एक और बड़ा फायदा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है और स्वाभाविक है कि सभी चीजों के दाम भी बढ़ रहे हैं. एक साल की पॉलिसी खरीदने का मतलब है कि हर साल गाड़ी बीमा के लिए नई कीमत चुकानी होगी, क्योंकि बीमा कंपनी लगभग हर साल रेट में बदलाव करती है. लेकिन, मल्टी-ईयर पॉलिसी में पूरी अवधि के दौरान अभी का ही रेट रहेगा. यानी आप कई सालों वाला प्लान खरीदकर पैसे भी बचा सकते हैं.
इन कारणों से सिंगल ईयर बेहतर
वहीं, दूसरी ओर देखें तो सिंगल ईयर पॉलिसी सस्ती पड़ती है, क्योंकि यहां एक बार में सिर्फ एक साल के लिए ही पैसा भरना पड़ता है, जबकि मल्टी ईयर पॉलिसी में 2 या 3 साल के लिए प्रीमियम भरना होता है. ऐसे में एक साल वाले प्लान को खरीदने पर एकमुश्त बोझ कम रहता है. सिंगल ईयर मोटर पॉलिसी का एक और फायदा यह है कि आपके पास साल भर बाद बीमा कंपनी को बदलने की आजादी होती है. अगर आपको बीमा कंपनी की सर्विस पसंद नहीं आती है तो अगले साल बीमा कंपनी बदल सकते हैं, जबकि मल्टी ईयर पॉलिसी में आपको पूरे पॉलिसी पीरियड तक कंपनी और उसकी सर्विस के साथ बंधे रहना होता है.