ICICI Bank Loan Fraud Case: आईसीआईसीआई बैंक लोन घोटाले मामले में सीबीआई ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपना दाखिल जवाब में वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को जमानत दिए जाने का विरोध किया है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है और अगली सुनवाई में कोर्ट आदेश देगी. 


ED से अलग है सीबीआई का मामला


सीबीआई के वकील ने कोर्ट को हलफनामे में कहा कि वेणुगोपाल धूत के वकील कह रहे है की प्रवर्तन निदेशालय ने क्यों नही गिरफ्तार किया तो ईडी का मामला सीबीआई से अलग है और उसकी जांच मनी लॉन्ड्रिंग तक सीमित है. लेकिन CBI का मामला अलग है और इसमें 120B और अन्य भ्रष्टाचार के आरोप हैं. सुनवाई के दौरान धूत के वकील ने गिरफ्तारी पर उठाते हुए पूछा कि इतने सालों बाद गिरफ्तारी क्यों? तो  सीबीआई के वकील ने कहा अगर उन्हें 2019 में गिरफ्तार किया गया होता,तो क्या यह कानूनी होता और आज यह अवैध कैसे हो गया? 


वेणुगोपाल धूत जांच में नहीं कर रहे सहयोग! 


सीबीआई के वकील ने कहा कि बड़ी कंपनियों में अनगिनत लेन-देन होते हैं,निदेशक आते जाते रहते हैं, कर्मचारी बदलते हैं. इसका अध्ययन करना होता है. पूछताछ के लिए संपूर्ण सबूत चाहिए रहता है और कभी कभी एजेंसी के पास उपलब्ध नही होता. मेमो में हमने मेंशन किया है की वो जांच में सहयोग नही कर रहे थे और पूरी जानकारी नही दे रहे थे. सीबीआई के वकील ने कहा कि धूत और कोचर पूछताछ के लिए के लिए जानबूझकर उपस्थित नहीं रहने का एक व्यवस्थित प्रयास कर रह थे जबकि सीबीआई एक साथ पूछताछ करना चाह रही थी. बार-बार बुलाने पर भी हाजिर नही हो रहे थे. सीबीआई की तरफ से कहा गया कि चंदा कोचर को 23 दिसंबर 2023 को गिरफ्तार किया गया, फिर वेणुगोपाल धूत को नोटिस दिया गया, पुछताछ के लिए उन्हें हाजिर होने के लिए कहा गया लेकिन वे नहीं आए.  25 दिसंबर को दोबारा बुलायापर उस दिन भी वे नहीं आये. 26 दिसंबर को जब वो आए तो गलत जानकारी दे रहे थे और गुमराह कर रहे थे. 


न्यायिक हिरासत में है वेणुगोपाल धूत


बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को CBI को वीडियोकॉन समूह के संस्थापक वेणुगोपाल धूत की एक याचिका के जवाब में शुक्रवार तक अपना हलफमाना दाखिल करने का निर्देश दिया था जिसमें कथित बैंक लोन घोटाले मामले में दर्ज FIR को रद्द करने की मांग की गई थी. धूत ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है. धूत की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट कहा था कि धूत के हार्ट में 99 फीसदी ब्लॉकेज है. ऐसे में उन्हें जमानत देने की मांग की गई है. आपको बता दें कि आईसीआईसीआई-वीडियोकॉन बैंक लोन फ्रॉड केस के मामले में वीडियोकॉन ग्रुप के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को सीबीआई ने 26 दिसंबर, 2022 को गिरफ्तार कर लिया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. इससे पहले मुंबई की एक विशेष अदालत ने 5 जनवरी, 2023 को वेणुगोपाल धूत की जमानत याचिका को  खारिज कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इससे पहले 9 जनवरी को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ICICI बैंक की पूर्व CEO चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जमानत दे दी थी. 


ये भी पढ़ें 


Union Budget 2023: 31 जनवरी 2023 से होगी बजट सत्र की शुरुआत, संसदीय कार्य मंत्री प्रलहाद जोशी ने ट्वीट कर दी जानकारी