Vikshit Bharat 2047: वित्त मंत्री सीतारमण बोलीं, विकसित भारत के लक्ष्य के जरिए आने वाली पीढ़ी का भविष्य संवारना है मकसद
वित्त मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में अगली पीढ़ी के रिफॉर्म्स का एजेंडा को लागू करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी.
Vikshit bharat 2047: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का लक्ष्य इसलिए रखा गया है जिससे हम आने वाली पीढ़ी के भविष्य को बेहतर बनाने के साथ बेहतर देश उनके हाथों में सौंप सकें. वित्त मंत्री ने कहा हम ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि देश के युवाओं के लिए अपने मातृभूमि पर ही पर्याप्त अवसर हो और वे अपने देश में ही रहकर वे अपना जीवन संवार सकें और उन्हें ये कहना की जरुरत ना पड़े कि यहां कोई अवसर नहीं है.
आने वाली पीढ़ी के भविष्य को संवारने की कवायद
बिजनेस चैंबर फिक्की की ओर से विकसित भारत 2047 को लेकर ऑयोजित नेशनल कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने ये बातें कही है. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हम सभी को लक्ष्य दिया है कि 2047 तक हम जरूर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकें. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का संदेश स्पष्ट है, ये भारत के लिए इस लक्ष्य को हासिल करने का मकसद कोई हाई ग्राउंड हासिल करना नहीं है. बल्कि ये हमारा कर्तव्य है कि हम आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य के साथ बेहतर भारत सौंप सकें जहां उनके लिए भरपूर संभावनाएं हो.
पूर्व में गंवा दिए अवसर
वित्त मंत्री ने पूर्व की सरकारों पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला बोलते हुए कहा कि 1947 में आजादी मिलने के बाद कई दशक बीते चुके हैं. इस दौरान हमसे या हमसे पहले वाली पीढ़ी ने कमियों वाला दौर देखा है. अवसरों को गंवाते हुए देखा है. देश में टैलेंट होने के बावजूद उन्हें देश छोड़कर बाहर जाना पड़ा क्योंकि यहां पर उनके लिए पर्याप्त अवसर नहीं थे.
उद्योगजगत होगा सबसे बड़ा लाभार्थी
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के उद्योगजगत का 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में सबसे बड़ा योगदान देना है और वे इसका सबसे बड़े लाभार्थी होंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम 2014 में भारत को 10वीं अर्थव्यवस्था से 5वीं अर्थव्यवस्था तक ले जाने में सफल रहे और प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद उनके तीसरे कार्यकाल में भारत पांचवीं से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. और उसके बाद अगली पीढ़ी के रिफॉर्म्स का एजेंडा को लागू करना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी.
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