RBI के नए डिप्टी गवर्नर होंगे विरल आचार्य, मोदी सरकार का फैसला
नई दिल्लीः आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर के नाम का ऐलान हो गया है. अमेरिका के न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विरल आचार्य को मोदी सरकार ने नया डिप्टी गवर्नर चुना है. रिजर्व बैंक के 4 डिप्टी गवर्नरों में से एक पद खाली था क्योंकि उस पद पर मौजूद उर्जित पटेल को गवर्नर बना दिया गया था. विरल आचार्य, एनएस विश्वनाथन, एस एस मुंद्रा और रामा सुब्रमण्यम गांधी के साथ आरबीआई के चौथे डिप्टी गवर्नर होंगे. आचार्य को बैंकों और कॉर्पोरेट फाइनेंस का एक्सपर्ट माना जाता है.
Dr. Viral V. Acharya Appointed Deputy Governor, Reserve Bank of Indiahttps://t.co/XforE8ll9j
— ReserveBankOfIndia (@RBI) December 28, 2016
बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने विरल आचार्य को 3 साल के लिए डिप्टी गवर्नर के पद के लिए चुना है. विरल आचार्य जीएसटी बिल के समर्थक हैं और अक्टूबर में उन्होंनें कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था सुधार की तरफ है. विरल आचार्य ने बैंकों, कॉर्पोरेट फाइनेंस, ऋण जोखिम और परिसंपत्ति मूल्य निर्धारण के विनियमन पर रिसर्च किया है और उनको हाल ही में राइजिंग स्टार इन फाइनेंस अवॉर्ड से भी नवाजा गया था. पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की तरह विरल आचार्य भी शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं.
जानें कौन हैं विरल आचार्य? विरल आचार्य 2008 से न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं. इससे पहले आचार्य लंदन बिजनेस स्कूल से प्राइवेट इक्विटी इंस्टीट्यूट के फाइनेंस एंड एकेडमी डायरेक्टर थे. 2014 में वह सेबी के तहत एकेडमिक काउंसिल ऑफ द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिक्योरिटीज मार्केट्स के सदस्य भी रहे हैं. उन्होंने 1995 में आईआईटी मुंबई से कम्प्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. इसके अलावा विरल आचार्य के पास बैंक ऑफ इंग्लैंड में भी काम करने का अनुभव रहा है.