वोडा आइडिया लिमिटेड के नए सीईओ रविंदर टक्कर अपने मौजूदा तीन साल के कार्यकाल में कोई वेतन नहीं लेंगे. हालांकि कंपनी के बिजनेस के लिए  टक्कर की ओर से किए गए खर्च का पेमेंट किया जाएगा. कंपनी की 30 सितंबर को एजीएम है. इसके नोटिस में इसकी जानकारी दी गई है.बालेश शर्मा के कंपनी छोड़ने के बाद टक्कर ने अगस्त 2019 में सीईओ की जिम्मेदारी संभाली थी.


तीन साल के लिए सीईओ बने हैं टक्कर 


टक्कर को अगस्त 2019 में तीन साल के लिए मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ बनाया गया था. उस समय कहा गया था कि तीन साल के कार्यकाल में टक्कर को कोई वेतन नहीं मिलेगा. बालेश शर्मा को अपने पूरे कार्यकाल के दौरान 8.59 करोड़ रुपये का वेतन दिया गया था. हालांकि 2019-20 में उन्हें कोई वेतन वृद्धि नहीं मिली थी. एजीएम नोटिस में कहा गया है कि कंपनी टक्कर की ट्रैवलिंग, लॉजिंग, बोर्डिंग, एंटरटेनमेंट और कंपनी के बिजनेस के ले आए दूसरे आकस्मिक खर्चों का पेमेंट करेगी. वोडाफोन इंडिया लिमिटेड के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की बैठक के लिए भी वह कोई सिटिंग फीस नहीं लेंगे. वोडाफोन ने कहा कि कंपनी एजीएम में टक्कर की नियुक्ति पर शेयरहोल्डर्स से सहमति लेगी.


वोडाफोन -आइडिया अब वीआई के नाम से जानी जाएगी


दो दिन पहले वोडाफोन-आइडिया ने आज अपनी रीब्रांडिंग का एलान किया है. कंपनी ने ऐलान किया था कि वोडाफोन-आइडिया Vi ब्रांड नेम से जानी जाएगी. कंपनी ने ये भी कहा कि वो कर्जमुक्त कंपनी की दिशा में आगे बढ़ने की योजना पर काम कर रही है. ब्रिटिश कंपनी वोडफोन और भारत के आदित्य बिड़ला ग्रुप के पास पास वोडाफोन-आइडिया का मालिकाना हक है और 3 साल पहले दोनों कंपनियों ने हाथ मिलाकर आपस में मर्जर कर लिया था. रिलायंस जियो के आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते इन दोनों ने हाथ मिलाया था.


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