(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जियो-एयरटेल के बाद वोडाफोन आइडिया ने भी महंगा किया मोबाइल टैरिफ, प्रीपेड पोस्टपेड दरों में बढ़ोतरी 4 जुलाई से लागू
Mobile Tariff Hike: टेलीकॉम कंपनियों ने 4जी-5जी स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया है साथ ही सर्विसेज को रोलआउट भी किया है. इसलिए टैरिफ बढ़ाना कंपनियों के लिए जरूरी हो गया था.
Voadfone Idea Tariff Hike: रिलांयस जियो और भारतीय एयरटेल के बाद देश की तीसरी बड़ी टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने भी मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी कर दी है. सर्विस प्रोवाइडर ने प्रीपेड और पोस्डपेड दोनों ही मोबाइल टैरिफ में 10 से 21 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया है. वोडफोन आइडिया के मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी का फैसला 4 जुलाई 2024 से लागू होगा.
वोडाफोन आइडिया ने स्टॉक एक्सचेंजों के पास रेग्यूलेटरी फाइलिंग में टैरिफ बढ़ाने जाने के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी ने एंट्री लेवल यूजर्स को सपोर्ट करने के अपने सिद्धांतों को जारी रखा है और एंट्री लेवल प्राइस को नॉमिनल रखा गया है जबकि ज्यादा यूसेज को ज्यादा कीमत के साथ जोड़ा गया है. कंपनी के टैरिफ बढ़ोतरी पर नजर डालें तो 179 रुपये वाले प्लान के लिए कस्टमर को अब 199 रुपये देने होंगे. 459 रुपये वाले प्लान के लिए 509 रुपये, और 1799 रुपये वाले 365 दिनों के वैलिडिटी प्लान के लिए अब 1999 रुपये देने होंगे.
पोस्टपेड प्लान में 401 रुपये वाले प्लान के लिए 451 रुपये, 501 रुपये वाले प्लान के लिए 551 रुपये, 601 रुपये वाले फैमिली प्लान के लिए 701 रुपये और 1001 रुपये फैमिली प्लान के लिए 1201 रुपये देने होंगे.
कंपनी ने बताया कि वोडाफोन आइडिया एकमात्र ऑपरेटर है प्री-पेड कस्टमर को रात में फ्री डेटा उपलब्ध करा रहा है. कंपनी ने बताया कि वो 4जी में बड़े पैमाने पर निवेश करने जा रही है और 5जी मोबाइल सेवा को लॉन्च करने जा रही है. गुरुवार को सबसे पहले रिलायंस जियो ने मोबाइल टैरिफ बढ़ाने का एलान किया था उसके बाद शुक्रवार 28 जून की सुबह भारती एयरटेल ने टैरिफ बढ़ा दिया. और जैसी उम्मीद थी वोडाफोन आइडिया ने भी मोबाइल टैरिफ महंगा कर दिया है.
टेलीकॉम कंपनियों ने दिसंबर 2021 के बाद से मोबाइल टैरिफ नहीं बढ़ाया था. जबकि इस अवधि के दौरान कंपनियों ने 5जी स्पेक्ट्रम खऱीदने के साथ सर्विसेज को लॉन्च किया है. जबकि वोडाफोन आइडिया 5जी सेवा लॉन्च करने जा रही है. ऐसे में बड़े पैमाने पर किए गए निवेश के बाद कंपनियों पर टैरिफ बढ़ाने का दबाव था.
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