Vodafone Idea: प्रमोटर की बेरुखी से मुश्किल में वोडाफोन आइडिया! कंपनी को संकट से उबारने के लिए चाहिए 45000 करोड़ रुपये
Vodafone Idea News Update: वोडाफोन आइडिया पर करीब 2.2 लाख करोड़ रुपये बकाया है. कंपनी को संकट से उबारने के लिए प्रमोटर पूंजी डालने को तैयार नहीं है.
Vodafone Idea Update: वित्तीय संकट झेल रही देश की दिग्गज टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. कंपनी भारी कर्ज के बोझ में डूबी हुई है और कंपनी चलाने के लिए उसे भारी भरकम पूंजी की दरकार है. लेकिन कंपनी के प्रमोटर अब और ज्यादा पूंजी डालने के मूड में नजर नहीं आ रहे हैं तो वोडाफोन आइडिया पर बकाये एजीआर पर जो 16000 करोड़ रुपये का ब्याज बन रहा है उसे शेयर में बदलने को लेकर सरकार का रूख भी ठंडा पड़ता नजर आ रहा है.
कायाकल्प के लिए 45000 करोड़ रुपये की दरकार
मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी के प्रमोटर केवल 2000 से 3000 करोड़ रुपये पूंजी डालना चाहते हैं जो कंपनी के कायाकल्प करने के लिए नाकाफी है. वोडाफोन आइडिया को बेहतर तरीके से संचालन करने के लिए 40,000 से 45,000 करोड़ रुपये की जरुरत है. अगर इसका 50 फीसदी बैंक से कर्ज के रूप में मिल जाता है तो बचे हुए रकम प्रमोटर को डालना होगा. प्रमोटर के फंडिंग के बगैर ना तो कोई भी निवेशक कंपनी में निवेश करेगा और ना कोई बैंक कंपनी को सपोर्ट करने के लिए आगे आएगी. विदेशी निवेशकों से भी कंपनी पैसा नहीं जुटा पा रही है क्योंकि ये निवेशक चाहते हैं कि कंपनी में पहले सरकार हिस्सेदारी ले.
कंपनी पर भारी भरकम है बकाया
सरकार अपने बकाये को कर्ज में बदलने का फैसला लेती है तो वोडाफोन आइडिया में सरकार की 33 फीसदी हिस्सेदारी हो जाएगी. इससे प्रोमोटर की हिस्सेदारी कंपनी में 74.99 फीसदी से घटकर 50 फीसदी रह जाएगी. जुलाई - सितंबर तिमाही के खत्म होने पर वोडाफोन आइडिया के पास कैश बैलेंस केवल 190 करोड़ रुपये था जबकि कंपनी पर 2.2 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है. बैंकों का कंपनी पर 15.080 करोड़ रुपये बकाया है. टावर कंपनी इंडस टावर्स, एटीसी, नोकिया और Ericsson जैसी कंपनियों का भी वोडाफोन आइडिया पर बकाया जिसे देने के लिए कंपनी को फंड की दरकार है.
एसबीआई से किया कर्ज के लिए संपर्क
रिपोर्ट के मुताबिक प्रमोटर्स ने सरकार से पहले कहा था कि वे कंपनी में 10,000 करोड़ रुपये निवेश करेंगे. लेकिन जनवरी 2022 से केवल उन्होंने 4900 करोड़ रुपये ही निवेश किया है. जिसमें से ज्यादातर रकम इंडस टावर्स के भुगतान में चले गए. बीते दिनों इंडस टावर ने वोडाफोन आइडिया तो पत्र लिखकर फौरन बकाये रकम का भुगतान करने को कहा था. दिसंबर महीने में कंपनी ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई से 15000 से 16000 करोड़ रुपये कर्ज लेने के लिए संपर्क किया था. हालांकि बैंक ने सरकार के वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी उठाने को लेकर कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था. अभी तक लोन की ये डील पूरी नहीं हो सकी है.
8 रुपये के नीचे कर रहा शेयर ट्रेड
बीते दिनों ये खबर आई कि सरकार कंपनी के शेयर के भाव 10 रुपये के ऊपर स्थिर होने पर ही इसमें हिस्सेदारी लेगी. फिलहाल वोडाफोन आइडिया के शेयर का भाव 8 रुपये के नीचे 7.80 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. सेबी से सरकार को हिस्सेदारी उठाने को लेकर मंजूरी मिल चुकी है. लेकिन सरकार को प्रमोटर्स के रूख का इंतजार है. सितंबर 2021 में टेलीकॉम कंपनियों को दिए गए राहत पैकेज में स्पेक्ट्रम की किस्त और एजीआर के बकाया रकम पर ब्याज को चार साल में चुकाने का विकल्प दिया था. सरकार ने कहा था कि जो ब्याज बनेगा उसे कंपनी शेयरों में भी कनवर्ट कर सकती है.
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