Vodafone Idea: वोडाफोन आइडिया (Vi) ने अपने लोन की रीफाइनेंसिंग के लिए देनदारों के साथ नई चर्चा शुरू की है. इसके तहत कंपनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक और एचडीएफसी बैंक के साथ चर्चा के दौर में है. कंपनी के ऊपर भारी कर्ज है और वोडाफोन आइडिया (Vi) पर टावर कंपनी का भी बकाया है.
Vi को है पूंजी की जरूरत
इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक मामले की जानकारी रखने वाले बैंकर्स ने इस बात की जानकारी दी है. दरअसल वोडाफोन आइडिया कर्ज के बोझ में डूबी हुई है और कंपनी चलाने और नई योजनाओं पर काम करने के लिए उसे भारी भरकम पूंजी की दरकार है. रीफाइनेंसिंग के जरिए कंपनी इसको हासिल करना चाहती है. वोडाफोन आइडिया को इस समय अपने वेंडर्स को पूंजी चुकाने के लिए कैपिटल की जरूरत है. वोडाफोन आइडिया को टावर कंपनी इंडस टावर और नेटवर्क इक्विपमेंट निर्माता एरिक्सन और नोकिया के बकाए को चुकाना है और इसी सोच के साथ कंपनी अपने लोन की रीफाइनेंसिंग करने की जुगाड़ में है.
वोडाफोन के लिए कर्ज की रीफाइनेंसिंग जरूरी
वोडाफोन आइडिया के ऊपर 9600 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के लिए सितंबर 2023 तक का समय है. अगर कंपनी अपने कर्ज की रीफाइनेंसिंग के लिए इंतजाम नहीं कर पाती है तो उसके लिए आगे की कैपिटल एक्सपेंडीचर की योजनाओं और क्षमता पर नकारात्मक असर देखा जाएगा.
5जी सेवाओं को लेकर क्या है अपडेट
वोडाफोन के बकाया कर्ज की वजह से कंपनी अपने 5जी इक्विपमेंट की सप्लाई और टावर इंस्टॉलेशन के लिए साइट फाइनल नहीं कर पा रही है जो कि उसकी 5जी सेवाओं को चालू करने के लिए बेहद जरूरी हैं. वोडाफोन को अब देश में 5जी के क्षेत्र में कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उसकी प्रतिस्पर्धी कंपनियों रिलायंस जियो और भारती एयरटेल की पिछले साल अक्टूबर में 5जी सेवाएं चालू हो चुकी हैं.
दिसंबर 2022 में कंपनी ने देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई से 15000 से 16000 करोड़ रुपये कर्ज लेने के लिए संपर्क किया था. हालांकि बैंक ने सरकार के वोडाफोन आइडिया में हिस्सेदारी उठाने को लेकर कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था.
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