वोडाफोन आइडिया को भारी घाटे का सामना करना पड़ा है. जून तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ कर 25,460 करोड़ रुपये हो गया है. मार्च तिमाही में इसका घाटा 11,643करोड़ रुपये था. एक साल पहले जून तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 4,873 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा था. भारी देनदारी और रेवेन्यू में कमी की वजह से वोडाफोन को आइडिया को इस स्थिति का सामना करना पड़ा है.


वोडाफोन आइडिया के सामने बड़ी चुनौती 


मार्च तिमाही में कंपनी का रेवेन्यू 11,754 करोड़ रुपये था जो जून तिमाही में घट कर 10,659 करोड़ रुपये रह गया. मार्च तिमाही के मुकाबले इसमें 9.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल जून तिमाही की तुलना में इस साल जून तिमाही के दौरान कंपनी की रेवेन्यू में 5.4 फीसदी की कमी आई है. कंपनी ने 19,440 करोड़ रुपये का हाई प्रोविजन किया था. इस वजह से भी इसे बड़े घाटे का सामना करना पड़ा है. कंपनी ने स्पेक्ट्रम चार्ज के लिए 5,204 करोड़ रुपये का प्रोविजन किया था. इस वजह से भी घाटा बढ़ गया.


एजीआर बकाये में छूट देने की मांग


कंपनी की बेहतर स्थिति इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे एजीआर बकाया चुकाने की शर्तों में कितनी ढील दी जाती है. साथ ही यह भी अहम होगा कि कंपनी अपने लेनदारों से किस हद तक सौदा कर पाती है. कंपनी पर लॉकडाउन का असर पड़ा है. स्टोर या दुकानों पर रिचार्जिंग में कमी आई है. इसके साथ लोगों की कमाई घटने की वजह से रिचार्जिंग पर असर पड़ा है. टेलीकॉम कंपनियों पर एजीआर का भारी दबाव है. वोडाफोन आइडिया ने कहा था अगर सरकार एजीआर वसूलने पर अड़ी रही तो उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ेगा. कंपनी की प्रतिद्वंद्वी कंपनी भारती एयरटेल को जून तिमाही में 15,933 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.