क्या है खात बातें:-
- ये वॉलमार्ट का अब तक का सबसे बड़ा खरीदारी है यानी अधिग्रहण है. ये ई-कामर्स का सबसे बड़ा सौदा है.
- इस सौदे से वॉलमार्ट को भारत के ई - कामर्स बाजार में दाखिल हो जाएगा.
- भारत में ई – कामर्स का बाजार एक दशक में 200 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है.
- इसे सौदे के बाद कंपनी के सह - संस्थापक सचिन बंसल और सॉफ्टबैंक फ्लिपकार्ट से बाहर निकल जाएगी.
- इस सौदे में 11 साल पुरानी फ्लिपकार्ट का कुल मूल्य 20.8 अरब डॉलर आंका गया.
- इस सौदे के साथ ही वॉलमार्ट इसमें दो अरब डॉलर का नया निवेश करेगा.
- फ्लिपकार्ट के बाकी बचे शेयर दूसरी कंपनियां भी खरीदने में लगी हैं. गूगल की स्वामी कंपनी अल्फाबेट को भी संभावित निवेशक माना जा रहा है जो 15 प्रतिशत तक हिस्सेदारी खरीद सकती है.
- आरएसएस की सहयोगी स्वदेशी जागरण मंच ने इस सौदे पर सवाल उठाएं हैं. उनका आरोप है कि वॉलमार्ट इस अधिग्रहण के जरिये देश में पिछले दरवाजे से प्रवेश का प्रयास कर रही है.
- आरएसएस के स्वेधी जागरण मंच ने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया.
- फ्लिपकार्ट के सह - संस्थापक बिन्नी बंसल 5.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बरकरार रखेंगे और निदेशक मंडल के चेयरमैन बनेंगे.
- कंपनी बेंगलुरू केंद्रित ही रहेगी अैर वॉलमार्ट के कृष अय्यर उसके सीईओ होंगे.
- वॉलमार्ट और फ्लिकार्ट अलग - अलग ब्रांड बने रहेंगे और इसका निदेशक मंडल भी अलग होगा जिसमें वॉलमार्ट के प्रतिनिधित्व के लिए बदलाव किया जाएगा.
- अभी इस सौदे को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग और अन्य नियामकों की मंजूरी मिलनी बाकी है.
कितने ऑनलाइन खरीदार
- देश में अभी 40 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ताओं में से महज 14 प्रतिशत लोग ऑनलाइन खरीदारी करते हैं. इसके 2026 तक 50 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है.
- याद रहे कि प्रतिस्पर्धी कंपनी अमेजन ने भी फ्लिपकार्ट की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए आक्रामक पेशकश की थी.
- इस सौदे के बाद वॉलमार्ट के सीईओ ने फ्लिपकार्ट के कर्मचारियों से कहा, यह सबसे अच्छा सौदा है.