नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बड़ी खुदरा अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने भारतीय ई कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट की 77 फीसदी हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर (लगभग 1,07,662 करोड़ रुपये) में खरीद ली है. फ्लिपकार्ट की शुरुआत 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने बेंगलुरु में एक छोटे से घर में की थी और इसे देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनी बनाया. 5 खास बातें-
1. वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट के बीच हुए सौदे से भारत को लाभ होगा. ग्राहकों को अब और सस्ते दामों पर प्रोड्क्ट्स मिलेंगे. रोजगार मिलेगें. छोटे आपूर्तिकर्ताओं, किसानों और महिला उद्यमियों के लिए अवसर पैदा होंगे. फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक बिनी बंसल ने कहा, "हमारी यात्रा के अगले चरण के लिए वालमार्ट एक आदर्श सहयोगी है और हम खुदरा और ई-कॉमर्स में साथ मिलकर काम करेंगे."
2.फ्लिपकार्ट के फाउंडर सचिन बंसल कंपनी की अपनी 5.5 प्रतिशत बेचकर बाहर हो रहे हैं. सचिन ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा, ''दुखद है कि मेरा काम यहां पूरा हो गया. 10 वर्षों के बाद कमान सौंपने और फ्लिपकार्ट से निकलने का समय आ गया है.'' बिन्नी बंसल फिलहाल कंपनी में बने रहेंगे. एक समय था जब बिन्नी और सचिन ने अमेज़न कंपनी में इंटर्न थे और यहीं से उन्होंने अलग कंपनी बनाने के बारे में सोचा.
3. दोनों कंपनियों के सौदे से भारतीय बाजार में मौजूद ई कॉमर्स की कंपनियों पर गहरा असर पड़ेगा. छोटी कंपनियों को डर है कि मार्केट पर वॉलमार्ट का दबदबा होगा और उसे चुनौती देना आसान नहीं है. दरअसल अमेरिका में वॉलमार्ट के इतिहास पर नजर डालें तो उसने छोटे व्यापारों को बुरी तरह प्रभावित किया है.
दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट बनी Flipkart की मालिक, जानें इसकी खास बातें
4. फ्लिपकार्ट का भारत में फिलहाल 40 प्रतिशत ई कॉमर्स बाजार पर कब्जा है. फैशन, इलेक्ट्रॉनिक, मोबाइल आदि के क्षेत्र में तेजी से फ्लिपकार्ट ने कदम बढ़ाए हैं. कंपनी को अमेजन काफी चुनौती पेश करती रही है. अब अमेजन और फ्लिपकार्ट में और अधिक कॉम्पिटिशन बढ़ेगा. इसका लाभ ऑनलाइन शॉपिंग करने में दिलचस्पी रखने वालों को मिल सकता है. कंज्यूमर को सस्ते दामों पर प्रोड्क्ट्स मिल सकते हैं.
5. अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट भारत में तेजी से अपना कारोबार फैला रही है और देश के नौ राज्यों के 19 शहरों में इसके 21 होलसेल स्टोर खोल चुकी है. वॉलमार्ट इंडिया के चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार के मुताबिक कंपनी ने देश में तकरीबन 40,000 से अधिक लोगों को रोजगार दिया है.
नौकरी छोड़ कर बनाई थी कंपनी, महज 11 साल में हुए हजारों करोड़ के मालिक