वॉलमार्ट इंडिया ने भारत में काम कर रहे अपने 50 टॉप ऑफिसर्स को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है कि कंपनी ने ये कदम क्यों उठाया है. जिन लोगों को निकाला गया है उनमें कई डिवीजन के वीपी तक भी शामिल हैं. पिछले दिनों ही कंपनी का टाउनहॉल कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें इस बात की घोषणा की गई.


एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक वॉलमार्ट ने ना केवल अपने नए स्टोर्स की विस्तार योजनाओं को रोक दिया है बल्कि नए स्टोर खोलने के काम में लगी अपनी रियल एस्टेट टीम को भी भंग कर दिया है. कंपनी के इन कदमों के कारण ऐसा माना जा रहा है कि कंपनी अपने ऑफलाइन स्टोर्स पर से ध्यान हटा रही है और ऑनलाइन पर फोकस कर रही है.


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ऐसा भी माना जा रहा है कि भारत में कंपनी का काम कुछ खास परफॉर्म नहीं कर पा रहा है. 2007 में वॉलमार्ट ने भारत में कदम रखा था और 2013 में भारती की हिस्सेदारी भी खरीद ली थी. यानि एक दशक से अधिक बीत चुका है लेकिन कंपनी उतना बिजनेस नहीं कर पा रही है जितने बिजनेस की उसे भारत में उम्मीद थी.


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कंपनी ने फिलहाल 50 कर्मचारियों को निकाले जाने पर विस्तार से कोई बयान जारी नहीं किया है. हालांकि एक प्रवक्ता ने कहा कि ये छंटनी का पहला चरण है और अप्रैल में एक बार फिर से छंटनी की जा सकती है. आपको बता दें कि कंपनी ने भारत में 21 स्टोर हैं और इन्हें बेस्ट प्राइस के नाम से जाना जाता है. भारत में केवल मेंबरशिप के आधारपर ही यहां से सामान खरीदा जा सकता है.


आपको मेंबर बनने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक केवल बिजनेस, ऑफिस ही यहां से सामान खरीद सकते हैं. यानि जनता सीधे यहां से सामान खरीद नहीं पाती है. शायद यही वजह है कि कंपनी ना तो खास चर्चा में है और ना ही मुनाफे में. मेंबर बनने के बाद एक कार्ड इश्यू किया जाता है और इसी कार्ड से आप शॉपिंग कर पाते हैं.