कोरोना संकट के दौरान भले ही तमाम कंपनियों की कमाई घटी हो लेकिन ई-कॉमर्स कंपनियों ने अच्छा-खासा मुनाफा कमाया है. लॉकडाउन की वजह से ऑनलाइन सामानों की बिक्री में इजाफा हुआ और इसका सीधा ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनियों को हुआ है.


दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक वॉलमार्ट ने अपनी सब्सिडियरी कंपनी फ्लिपकार्ट में लगभग 9000 करोड़ रुपये के निवेश का फैसला किया है. वॉलमार्ट मौजूदा वित्त वर्ष (2020-21) में दो अलग-अलग हिस्से में यह निवेश करेगी. निवेश फ्लिपकार्ट ग्रुप के लिए किया जाएगा. इसमें फ्लिपकार्ट के अलावा फोन पे, मिंत्रा और ई-कार्ट में निवेश शामिल हैं.


ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच कड़ा मुकाबला


देश में ई-कॉमर्स मार्केट काफी प्रतिस्पर्द्धी हो गया है. दरअसल अमेजन, फ्लिपकार्ट और रिलायंस के बीच देश के ई-रिटेल में बड़ी हिस्सेदारी के लिए होड़ मची है. सबसे कड़ा मुकाबला ग्रॉसरी रिटेल में दिख रही है. मुकेश अंबानी की कंपनी देश के ऑफलाइन ग्रॉसरी चेन फ्यूचर समूह को खरीदने की तैयारी में लगी है. इसके जरिये वह तेजी से बढ़ रहे ग्रॉसरी रिटेल मार्केट में पैठ बनाना चाहती है. वहीं वॉलमार्ट और अमेजन भी नई रणनीति बनाने में लगे हैं. वालमॉर्ट ने 2018 में फ्लिपकार्ट को खरीदा था. कंपनी की कीमत 21 अरब डॉलर आंकी गई थी. वॉलमार्ट ने इसमें 16 अरब डॉलर का निवेश किया था. वॉलमार्ट के पास कंपनी की 80 फीसदी की हिस्सेदारी है.


नए निवेश के बाद उसकी हिस्सेदारी एक फीसदी बढ़ जाएगी. वॉलमार्ट के अलावा फ्लिपकार्ट में टाइगर ग्लोबल और टेन्सेंट की भी हिस्सेदारी है. इधर, रिलायंस के जियो प्लेटफॉर्म्स में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ मची है. जियो मार्ट इसी प्लेटफॉर्म्स का हिस्सा है. फेसबुक के बाद अब इसमें गूगल के भी हिस्सेदारी खरीदने की खबरें आ रही हैं. खबर है कि गूगल इसमें 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर चार या पांच फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकता है.