बेटी की एजुकेशन के लिए अगर एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प क्या हो सकता है? क्या म्यूचुअल फंड या इंश्योरेंस कंपनियों के चाइल्ड फंड में इनवेस्ट करें या फिर सुकन्या समृद्धि योजना का चुनाव करें.


इंश्योरेंस कंपनियों के चाइल्ड फंड रिटर्न के मामले में कमजोर


दरअसल भारत में बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए कोई डेडिकेटेड फंड नहीं है, जिसमें लंबे समय तक निवेश कर पर्याप्त रकम इकट्ठा किया जा सके. ऐसी कोई योजना नहीं है, जिसमें पैसा जमा कर बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए बड़ा फंड इकट्ठा किया जा सके और इस पर टैक्स छूट का लाभ भी मिले. इंश्योरेंस कंपनियों के जो चाइल्ड प्लान हैं, उनके रिटर्न काफी कम हैं. और लंबे समय तक इनमें पैसा जमा करने के बावजूद एक बेहतर फंड नहीं बन पाता है. रिटर्न के मामले में ये फंड महंगाई को भी मात नहीं दे पाते हैं.


सुकन्या समृद्धि योजना कारगर नहीं , म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प


दूसरा ऑप्शन सुकन्या समृदधि योजना हो सकता है लेकिन इसमें बच्ची के 18 साल होने पर ही 50 फीसदी रकम ही निकाली जा सकती है. ऐसी स्थिति में सिप के जरिये म्यूचुअल फंड में निवेश सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है. म्यूचुअल फंड में नियमित निवेश से इस पर नजर भी रखी जा सकेगी. हालांकि निवेश प्लान के लक्ष्य के साथ बनें रहें. इसमें चेंज न करें. बच्चों के लिए ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश फायदेमंद हो सकता है, जिसका रिटर्न बेहतर हो. भारत में हायर एजुकेशन लगातार महंगी होती जा रही है.


प्राइवेट सेक्टर का दखल बढ़ते जाने से शिक्षा संस्थानों की फीस काफी बढ़ गई है. मांग बढ़ने की वजह से अच्छे शिक्षा संस्थानों में एडमिशन की प्रतिस्पर्द्धा काफी कड़ी हो गई है. इसलिए प्राइवेट शिक्षा संस्थानों की फीस के लिए बड़ा फंड इकट्ठा करना जरूरी हो गया है. ऐसी स्थिति में म्यूचुअल फंड काफी मददगार हो सकता है.


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