Tax Saving Mutual Funds: इक्विटी लिंक सेविंग स्कीम (ELSS) एक टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड है, जिसके तहत आप आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स सेविंग अपने सालाना इनकम पर कर सकते हैं. इस म्यूचुअल फंड के तहत 3 साल का लॉक इन पीरियड होता है. टैक्स बचाने के साथ-साथ ही ये फंड निवेशकों को अच्छा रिटर्न भी देता है. 


ऐसे में जो लोग म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं और टैक्स भी बचाना चाहते हैं तो इन योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. अगर आप भी 31 मार्च से पहले इस फंड में निवेश करने जा रहे हैं तो कुछ गलतियों को नजरअंदाज करना चाहिए. आइए जानते हैं ELSS में निवेश करने के दौरान कौन सी गलतियों से बचना चाहिए.


ELSS में केवल टैक्स सेविंग के लिए न करें निवेश 


एक्सपर्ट के मुताबिक, केवल टैक्स सेविंग के लिए ELSS में निवेश नहीं करना चाहिए. इस फंड के तहत ट्रैक रिकॉर्ड, इनवेस्टमेंट स्टाइल और अन्य चीजों को देखना चाहिए. ELSS फंड को परफॉर्मेंश बेस और स्ट्रांग पोर्टफोलियों के हिसाब से चुनना चाहिए, टैक्स सेविंग एक एडवांटेज के तौर पर लिया जा सकता है. 


मार्केट के हिसाब से फंड चुनें  


मार्केट के हिसाब से फंड का चयन करना चाहिए, छोटे समय के लिए निवेश करना आपके लिए रिस्की हो सकता है. इसकी तुलना में इस इक्विटी फंड में लंबे समय तक निवेशित रहना ज्यादा सही हो सकता है. एकमुश्त निवेश के बजाय इस वित्त वर्ष में आप एसआईपी में भी निवेश शुरू कर सकते हैं. 


ज्यादा जोखिम न लें 


इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम एक हाई रिस्क फंड हैं. ऐसे में एक्सपर्ट कहते हैं कि लंबे समय तक निवेशित रहने वाले व्यक्ति को मुनाफा मिल सकता है. अगर सीनियर सिटीजन हैं और रिस्क नहीं लेना चा​हते हैं तो पीपीएफ जैसी योजनाओं में निवेश कर सकते हैं. 


किसी भी फंड का न करें चयन 


अगर आप ईएलएसएस में किसी भी फंड को सेलेक्ट करते हैं तो उसके बारे में ​डिटेल जान लेना चाहिए. उस फंड को परफॉर्मेंश के आधार पर चुनना चाहिए. साभ ही मार्केट के हिसाब से ही फंड का चुनाव करना चाहिए. किसी भी फंड को रैडम चुनाव करना नुकसान करा सकती है. 


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