RBI MPC Minutes: 6 अप्रैल 2023 को आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी की घोषणा करते हुए भले ही पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट को नहीं बढ़ाया हो. लेकिन महंगाई के खिलाफ जारी युद्ध अभी जीता नहीं गया है ऐसे में ब्याज दरों के और नहीं बढ़ने की बात करना अपरिपक्वता कहलाएगा. आरबीआई के मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के सदस्य जयंत वर्मा ने ये बात कही है. उन्होंने कहा कि ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने का फैसला और मानसून अभी भी चुनौती बना हुआ है.
आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक के मिनट्स जारी किए हैं. जिसके मुताबिक जयंत वर्मा ने रेपो रेट नहीं बढ़ाने का समर्थन तो किया. लेकिन उन्होंने कहा कि आरबीआई के एमपीसी बैठक के ठीक पहले ओपेक+ देशों के कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती करने के बाद क्रूड ऑयल के दामों में गिरावट पर ब्रेक लग गया है और दामों में तेजी आने लगी है. उन्होंने उत्पादन में कटौती से ज्यादा खतरनाक वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्लोडाउन के चलते मांग में कमी के चलते सप्लाई में कटौती करना है. उ्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर के पार जाता है तो आरबीआई को उस ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाना होगा.
उन्होंने दूसरा जोखिम मानसून को बताया है. उन्होंने कहा कि अप्रैल में मानसून की भविष्यवाणी आ जाएगी लेकिन मौसम विभाग का अनुमान का सही पता मई के अंत में ही लग पाएगा. उन्होंने कहा कि हाल हफ्तों में प्रतिकूल समुद्री पैटर्न के बारे में चिंता बढ़ रही है जो इस साल मानसून को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि एक कमजोर से महंगाई का दबाव बढ़ सकता है.
आरबीआई एमपीसी के एक और सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्लोडाउन अनुमान से कम खथरनाक रहने वाला है. हालांकि आर्थिक विकास की रफ्तार धीमी पड़ सकती है. वहीं सेंट्रल बैंक ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए जो मॉनिटरी पॉलिसी एक्शन लिया है उसका असर दिखने लगा है.
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