शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक वारेन बफे के सामने इन दिनों एक गंभीर समस्या खड़ी होती जा रही है. उनके पास भंडार में कैश का अंबार लगता जा रहा है और वे उसे खर्च नहीं कर पा रहे हैं. इससे नकदी का पहाड़ बड़ा होता जा रहा है और अब तो साइज 15 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो चुका है.
अब इतना बड़ा हो गया कैश का भंडार
इस साल (2024) की पहली तिमाही यानी जनवरी से मार्च की तिमाही के समाप्त होने के बाद वारेन बफे की कंपनी बर्कशायर हाथवे का कैश रिजर्व बढ़कर 189 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. भारतीय करेंसी में यह रकम लगभग 15 लाख 76 हजार करोड़ रुपये हो जाती है. इससे पहले दिसंबर तिमाही के समाप्त होने के बाद बर्कशायर हाथवे के पास 167.6 बिलियन डॉलर (करीब 14 लाख करोड़ रुपये) कैश पड़ा हुआ था.
हर तिमाही में बन रहा है नया रिकॉर्ड
हर नई तिमाही के साथ वारेन बफे की कंपनी के पास पड़े कैश का आंकड़ा बड़ा होते जा रहा है और नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचता जा रहा है. दिसंबर तिमाही में कंपनी ने 167.6 बिलियन डॉलर के कैश का ऑल-टाइम हाई लेवल बनाया था. अब मार्च तिमाही के बाद यह आंकड़ा और बढ़कर 189 बिलियन डॉलर पर जा पहुंचा है.
बड़ी भारतीय कंपनियों की वैल्यू से ज्यादा कैश
कैश की यह मात्रा कितनी बड़ी है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि भारत में सिर्फ एक कंपनी ऐसी है, जिसकी वैल्यू बर्कशायर हाथवे के पास पड़े कैश से ज्यादा है. भारतीय शेयर बाजार की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज है, जिसका मौजूदा मार्केट कैप 19.41 लाख करोड़ रुपये है. यह 15.76 लाख करोड़ रुपये से बहुत ज्यादा नहीं है. वहीं दूसरी सबसे बड़ी कंपनी टीसीएस का मार्केट कैप 13.89 लाख करोड़ रुपये है, जो बर्कशायर हाथवे के कैश रिजर्व से ठीक-ठाक नीचे है.
अभी वारेन बफे के पास इतनी दौलत
वारेन बफे अभी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं. वह फोर्ब्स और ब्लूमबर्ग दोनों की अमीरों की लिस्ट के हिसाब से दुनिया के 10 सबसे रईस लोगों में शामिल हैं. फोर्ब्स की रियलटाइम बिलेनियर्स लिस्ट के अनुसार, उनकी मौजूदा नेटवर्थ 131.7 बिलियन डॉलर है और वह दुनिया के 8वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. वहीं ब्लूमबर्ग की बिलेनियर्स लिस्ट में वारेन बफे को 132 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ अभी 9वें स्थान पर रखा गया है.
इस कारण लग रहा है कैश का अंबार
वारेन बफे का मुख्य काम दुनिया भर के बाजारों में निवेश करना है. वह अपनी कंपनी बर्कशायर हाथवे के जरिए विभिन्न कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. अभी उनके पोर्टफोलियो में सबसे बड़ी हिस्सेदारी एप्पल के शेयरों की है. उनके पास कैश का अंबार दरअसल इस कारण लगता जा रहा है कि वह निवेश करने के लिए अच्छे शेयर नहीं खोज पा रहे हैं.
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