Warren Buffett Wealth: दुनिया के दिग्गज निवेशक और बर्कशायर हैथवे कंपनी के मालिक वॉरेन बफेट की अरबों डॉलर की संपत्ति का उनकी मृत्यु के बाद क्या होगा, इसे लेकर अब खुलासा कर दिया गया है. वॉरेन बफेट 93 साल के हैं और विश्व के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में शामिल हैं. उन्होंने अब साफ कर दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी करोड़ों की नेट वर्थ का क्या होगा. 


उन्होंने अपनी वसीयत में बदलाव करते हुए बड़ा ऐलान किया है. वॉरेन बफेट ने यह साफ कर दिया है कि उनकी मृत्यु के बाद बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन को दान दी जाने वाली संपत्ति को बंद कर दिया जाएगा. इसके साथ ही इस संपत्ति के लिए उनके तीन बच्चों को एक ट्रस्ट बनाने को भी कहा गया है जिसके जरिए परोपकार के कार्यों को किया जाएगा. इस चैरिटेबल ट्रस्ट की पूरी देखरेख बफेट के बच्चे ही करेंगे.


2006 में अपने आधे शेयर को किया था दान


वॉरेन बफेट (Warren Buffett) बर्कशायर हैथवे ग्रुप की वैल्यू 880 अरब डॉलर है जो कार इंश्योरेंस से लेकर कई तरह के बिजनेस करती है. बफेट हैथवे ग्रुप के चेयरमैन और चीफ एग्जीक्यूटिव हैं. बफेट के पास कंपनी के कुल 14.5 फीसदी शेयर हैं. वहीं साल 2006 में उन्होंने अपने आधे से अधिक शेयरों को दान कर दिया था.


विश्व के 10वें सबसे अमीर व्यक्ति है बफेट


93 साल के वॉरेन बफेट विश्व 10वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. फोर्ब्स के अनुसार वह 129 अरब डॉलर यानी 10,00,000 करोड़ से अधिक है. ऐसे में वह विश्व के 10वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं. वॉरेन बफेट ने यह साफ कर दिया है कि अब उनकी मृत्यु के बाद गेट्स फाउंडेशन को दी जाने वाली राशि पर रोक लगा दी जाएगी. हाल ही में वॉरेन बफेट ने अपनी कंपनी बर्कशायर हैथवे के 5.3 अरब डॉलर के शेयर इस फाउंडेशन में दान किए थे. 


मगर यह सिलसिला बफेट की मृत्यु के बाद बंद हो जाएगा. मनी कंट्रोल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अब तक वॉरेन बफेट ने 57 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति दान में दे दी है. इसमें फैमिली चैरिटी का दान भी शामिल है. वहीं गेट्स फाउंडेशन को बर्कशायर हैथवे का 99.30 लाख शेयर यानी 42 अरब डॉलर से अधिक के शेयर दान किए गए थे. 


परोपकारी कार्यों में खर्च होगा पैसे


वॉरेन बफेट ने यह साफ कर दिया है कि उनके तीनों बच्चे मिलकर एकर ट्रस्ट बनाएंगे और उनके पैसों मिलकर परोपकार के कार्यों में खर्च करेंगे. इसके लिए उन्होंने बच्चों के लिए लिखित आदेश नहीं दिया है. उनका कहना है कि वह विश्व के केवल 1 फीसदी लोगों में से एक हैं जो बेहद भाग्यशाली हैं, लेकिन वह अपनी संपत्ति को उन लोगों के साथ बांटना चाहते हैं तो उनके भाग्यशाली नहीं है. ऐसे में इस संपत्ति का इस्तेमाल बच्चों, बूढ़ों और जरूरतमंदों की मदद के लिए किया जाएगा.


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