India Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार में कमी से ज्यादा चिंताजनक है डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट!
Rupee-Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. आयात महंगा होता जा रहा है तो रुपये को और कमजोर होने से बचाने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार घटता जा रहा है.
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India Forex Reserves: वैश्विक राजनीतिक उथल-पुथल के बीच दुनिया की उभरती अर्थव्यवस्थाएं घटते विदेशी मुद्रा भंडार की चुनौती से इन दिनों जूझ रही हैं. भारत का भी यही हाल है. भारतीय करेंसी रुपये में लगातार गिरावट देखी जा रही है जिसके चलते आरबीआई ( RBI) के डॉलर के खजाने में बड़ा सेंध लगा है.
घट गया विदेशी मुद्रा भंडार
आरबीआई के मुताबिक 14 अक्टूबर, 2022 को विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया है. जबकि पिछले वर्ष 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर था. करीब एक साल में भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 114.08 अरब डॉलर की कमी आई है. और जिस प्रकार रुपये में गिरावट जारी है उसे देखकर लग रहा कि आरबीआई को अपने खजाने से और भी डॉलर बेचना पड़ सकता है जिसके चलते विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी आर सकती है.
9 महीनों तक आयात की क्षमता!
भारत के पास जो विदेशी मुद्रा भंडार है उसके मुताबिक पहले भारत 9 महीनों तक आयात करने की क्षमता रखता है. रुपये में कमजोरी और डॉलर की मजबूती के चलते सरकारी तेल कंपनियों को कच्चे तेल के आयात सुनिश्चित बनाये रखने के लिए ज्यादा डॉलर खरीदना पड़ रहा है क्योंकि कच्चे तेल की खरीदी डॉलर में ही संभव है. प्राकृतिक गैस के अलावा खाने का तेल और सोना भी भारत आयात करता है जिसके लिए डॉलर चाहिए. डॉलर की मांग बढ़ने से रुपये में कमजोरी बढ़ी है तो डॉलर मजबूत होता जा रहा है. एक तरफ कच्चा तेल महंगा है दूसरी तरफ डॉलर की मजबूती से भारत को कच्चा तेल आयात करने के लिए ज्यादा डॉलर खर्च करना पड़ रहा है.
रुपये में कमजोरी है चिंताजनक!
एक तरफ विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट सरकार और आरबीआई की चिंता बढ़ाने का काम कर रहा है. तो रुपये में कमजोरी अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डाल रहा है. रुपये में एक साल में 11 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रहे डॉ अरूण कुमार का मानना है कि विदेशी मुद्रा भंडार के घटने से ज्यादा चिंताजनक हालात डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही लगातार गिरावट है. उन्होंने कहा कि करेंसी कमजोर हो रही है. करेंसी तेजी से ना गिरे इसलिए आरबीआई डॉलर बेच रहा है. इसलिए कितना विदेशी मुद्रा की रिजर्व है उससे ज्यादा करेंसी की मजबूती ज्यादा मायने रखती है. उन्होंने कहा, 'करेंसी कमजोर हुई इससे महंगाई बढ़ेगी, मेरे हिसाब से करेंसी की मजबूती को देखना चाहिए ना कि विदेशी मुद्रा भंडार को.'
पर्याप्त है विदेशी मुद्रा भंडार!
फिच रेटिंग्स ने हाल ही में कहा कि भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है और चालू खाते का घाटा भी दायरे में रह सकता है. फिच के मुताबिक अमेरिका के मॉनिटरी पॉलिसी की सख्ती और कमोडिटी के उच्च कीमतों से सामना करने के लिए भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा का भंडार है.
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