शादी का बजट है या...10,20,30 लाख नहीं शादियों में खर्च हो रहे इतने लाख रुपये, रिपोर्ट ने उड़ाए होश
Wedding Budget: शादियों पर खर्च बढ़ने की सीधी वजह ये है कि इसमें लगने वाली कॉस्ट में साल दर साल आधार पर 10 फीसदी का इजाफा देखा गया है. जानिए किस मद पर कितना खर्च बढ़ता जा रहा है.
Wedding Budget: भारत में शादी का सीजन चल रहा है और सोशल मीडिया पर आप अपने दोस्तों, रिश्तेदारों की शानदार वेडिंग फोटोज अक्सर देख रहे होंगे. देश में हर साल शादियों के सीजन में लाखों शादियां होती हैं और इस साल भी वेडिंग सीजन में करीब 48 लाख शादियां होने वाली हैं. अब शादी के खर्चों को देखें तो आपको एक ऐसी रिपोर्ट के बारे में बताने वाले हैं जिसमें भारत में होने वाली शादियों के खर्चों के बारे में बताया गया है और इसमें क्या बदलाव हुआ है ये जानकर आपको हैरानी होगी.
भारत में इतने लाख रुपये पर पहुंचा शादियों का बजट
एक स्टडी में ये बात सामने आई है कि भारत में औसत शादी का खर्च 36.5 लाख (37 लाख) रुपये पर पहुंच गया है और ये पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी ज्यादा बढ़ गया है. वहीं जो कपल डेस्टिनेशन वेडिंग को चुनते हैं उनके लिए ऐसी शादी का औसत खर्च 51 लाख रुपये पर पहुंच गया है.
क्यों बढ़ रहा है शादियों पर खर्च
शादियों पर खर्च बढ़ने की सीधी वजह ये है कि इसमें लगने वाली कॉस्ट में साल दर साल आधार पर 10 फीसदी का इजाफा देखा गया है. शादी के वेन्यू से लेकर केटरिंग तक का खर्च पहले की तुलना में काफी बढ़ा है. ये रिपोर्ट वेडिंग फर्म वेडमीगुड (WedMeGood) की तरफ से आई है जिसमें बताया गया है कि लोग खास वेडिंग प्लानर से लेकर इवेंट मैनेजमेंट एजेंसियों की मदद ले रहे हैं और शादी को शाही टच देने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं.
शादी में 1 करोड़ रुपये तक भी खर्च कर रहे लोग
वेडमीगुड ने इस स्टडी के लिए 3500 कपल से बातचीत की और ये पाया कि इसमें से 9 फीसदी कपल ने अपने शादी के समारोहों और कार्यक्रमों पर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किया है. वहीं 9 फीसदी लोगों ने शादी पर 50 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये के बीच खर्च किया है. 40 फीसदी कपल की शादी का बजट 15 लाख रुपये से कम था. 25 लाख-50 लाख रुपये के बीच खर्च करने वालों की कुल संख्या 23 फीसदी रही और 15 लाख-25 लाख रुपये खर्च करने वालों की संख्या 19 फीसदी के करीब थी.
ये आंकड़ा है दिलचस्प
साथ में एक दिलचस्प आंकड़ा ये भी है कि 82 फीसदी कपल ने अपनी शादी की फाइनेंसिंग निजी सेविंग, परिवार की सेविंग के जरिए पूरी की. 12 फीसदी कपल ने लोन लिए और 6 फीसदी लोगों ने अपने ऐसेट को बेचकर या लिक्विडेशन के जरिए शादी की फाइनेंसिंग की.
CAIT का अनुमान
कन्फेडेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने बताया है कि इस साल 48 लाख शादियां तो सिर्फ नवंबर-दिसंबर में ही होने वाली हैं और इनपर 6 लाख करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है.
ये भी पढ़ें
EPFO के इन मेंबर्स के लिए 30 नवंबर ही है लास्ट डेट, कर लें ये जरूरी काम वर्ना होगा नुकसान