Festive Season: अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही फेस्टिव सीजन (Festive Season) अपने चरम पर पहुंच गया है. फेस्टिव सीजन के खत्म होने के साथ ही देश में वेडिंग सीजन (Wedding Season) की शुरुआत हो जाएगी. नवंबर-दिसंबर, 2024 के दौरान करीब 48 लाख शादियां इस साल होने वाली हैं. इनमें करीब 6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. इस साल के वेडिंग सीजन से भारतीय इकोनॉमी और कारोबारियों को जबरदस्त फायदा हो सकता है. कारोबारियों को उम्मीद है इस बार शादियों में अधिकतर भारतीय सामानों का ही इस्तेमाल किया जाएगा.


12 नवंबर से शुरू हो जाएगा शादियों का सीजन


शादियों का सीजन 12 नवंबर, 2024 से शुरू हो जाएगा. कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की एक रिसर्च के अनुसार, इस साल वेडिंग सीजन में गुड्स एवं सर्विसेज रिटेल सेक्टर में करीब 5.9 लाख करोड़ रुपये का व्यापार हो सकता है. पिछले साल करीब 35 लाख शादियों के चलते कुल व्यापार 4.25 लाख करोड़ रुपये रहा था. साल 2023 में शादियों के मुहूर्त 11 थे जो कि इस साल 18 शुभ हैं. इससे कारोबार भी बढ़ेगा.  कैट के अनुसार, सिर्फ दिल्ली में ही इस सीजन में 4.5 लाख शादियों से 1.5 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान है. 


ये हैं इस साल की शुभ विवाह तिथियां


कैट की वेद एवं आध्यात्मिक कमेटी के संयोजक आचार्य दुर्गेश तारे के अनुसार, इस वर्ष शादी का सीजन 12 नवंबर, देव उठनी एकादशी से शुरू होकर 16 दिसंबर तक चलेगा. नवंबर में शुभ तिथियां 12, 13, 17, 18, 22, 23, 25, 26, 28, और 29 हैं, जबकि दिसंबर में 4, 5, 9, 10, 11, 14, 15, और 16 हैं. इसके बाद विवाह कार्यक्रम लगभग एक महीने तक रुक जाएंगे और जनवरी, 2025 के मध्य से मार्च तक फिर शुरू होंगे. 


वेडिंग सीजन में बढ़ जाती है इन चीजों की डिमांड 


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री एवं सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि उपभोक्ता अब भारतीय वस्तुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' और 'आत्मनिर्भर भारत' के आह्वान को मजबूती मिल रही है. कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि वेडिंग सीजन में वस्त्र, साड़ियां, लहंगे, परिधान, आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स, विद्युत उपकरण, सूखे मेवे, मिठाइयां, नमकीन, किराने का सामान, सब्जियां और गिफ्ट जैसी चीजों की बिक्री बढ़ जाती है. इसके अलावा बैंक्वेट हॉल, होटल, विवाह घर, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट डेकोरेशन, खानपान सेवाएं, फूलों की सजावट, ट्रांसपोर्ट, कैब सर्विस, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, ऑर्केस्ट्रा, बैंड, लाइट और साउंड की डिमांड भी बढ़ जाती है.


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