WEF 2024: 56% मुख्य अर्थशास्त्रियों ने कहा - 2024 में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था रहेगी कमजोर, पर भारत की अगुवाई में दक्षिण एशिया को लेकर हैं पॉजिटिव
Global Economy Outlook 2024: दुनिया के मुख्य अर्थशास्त्रियों दक्षिण एशिया के आर्थिक विकास को लेकर पॉजिटिव हैं. भारत मौजूदा दौर में इस क्षेत्र से सबसे तेज आर्थिक विकास करने वाली अर्थव्यवस्था है.
World Economic Forum 2024: साल 2024 में भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. दुनिया के 56 फीसदी मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मौजूदा साल में ग्लोबल इकोनॉमी में कमजोरी देखने को मिल सकती है. वहीं 10 में से सात अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वैश्विक आर्थिक बिखराव की रफ्तार में और तेजी आ सकती है.
कमजोर रहेगी वैश्विक आर्थिक विकास की रफ्तार
डावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की हो रही बैठक के पहले दिन वैश्विक आर्थिक हालात को लेकर चीफ इकोनॉमिस्ट्स आउटलुक रिपोर्ट जारी किया गया. इस रिपोर्ट के मुताबिक 56 फीसदी अर्थशास्त्रियों का मानना है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2024 में कमजोरी देखने को मिल सकती है. जबकि 53 फीसदी ऐसे अर्थशास्त्री हैं जिनका मानना है कि हालात में कोई बदलाव नहीं होगा या फिर वैश्विक अर्थव्यवस्था मजबूती दिखा सकती है. इन अर्थशास्त्रियों में बड़े तबके का ये भी मानना है कि आने वाले दिनों में लेबर मार्केट्स और वित्तीय हालात और कमजोर होगी. हालांकि उच्च महंगाई की संभावना अब नहीं नजर आ रही है पर हर क्षेत्र के विकास का आउटलुक अलग अलग है और ऐसा कोई क्षेत्र 2024 में नहीं नजर आ रहा जहां मजबूत आर्थिक विकास की संभावनाएं नजर आ रही हैं.
वैश्विक टकराव के साथ बढ़ रही असामनता
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मैनेजिंग डायरेक्टर सादिया जाहिदी ने कहा, चीफ इकोनॉमिस्ट्स आउटलुक अनिश्चित प्रकृति के मौजूदा आर्थिक हालात की ओर इशारा करता है. उन्होंने कहा कि, बढ़ती असहमति के बीच, आने वाले सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का इम्तेहान होने वाला है. पूरे विश्व में महंगाई में कमी आ रही है. पर विकास की रफ्तार ठहरी हुई है, वित्तीय हालात बेहद सख्त बनी हुई है, वैश्विक टकराव बढ़ता जा रहा है तो साथ में असमानता भी बढ़ रही हैं. ऐसे में वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता है जो टिकाऊ, समावेशी आर्थिक विकास को गति दे सके.
दक्षिण एशिया पर हैं पॉजिटिव
दुनिया के मुख्य अर्थशास्त्रियों का आउटलुक दक्षिण एशिया, पूर्वी एशिया और पैसेफिक रीजन को लेकर सकारात्मक हैं और पिछले वर्ष के आउटलुक के मुकाबले उनके रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. ज्यादातर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2024 में सीमित ग्रोथ देखने को मिल सकता है. आउटलुक के मुताबिक खपत में कमी, औद्योगिक उत्पादन में गिरावट और प्रॉपर्टी मार्केट के चिंताओं के चलते चीन में ग्रोथ रेट सीमित रहेगी और फिलहाल किसी सुधार के संकेत नजर नहीं आ रहे.
ये भी पढ़ें
WPI Inflation: सर्दी में लगा बढ़ती कीमतों का करेंट, दिसंबर में थोक महंगाई दर में दिखी बढ़ोतरी