Bank Locker: इस बैंक में लॉकर खुलवाने के लिए क्या FD कराना जरूरी है? ये रहे RBI के नियम
Bank Locker: बैंक कर्मचारी अक्सर कहते हैं कि लॉकर उपलब्ध नहीं है लेकिन एफडी कराते ही वो लॉकर दे देते हैं. जानिए क्या है इस बारे में रिजर्व बैंक (RBI) के नियम.
Bank Locker: जब कभी भी आप किसी बैंक की शाखा में लॉकर खोलने के लिए जाएंगे तो अधिकारी पहले तो आपको लॉकर उपलब्ध न होने की बात कहेंगे. अगर आप उनसे ज्यादा विनती करेंगे तो वह अपको लॉकर देने के लिए एफडी कराने के लिए कहेंगे.
लोग उठा रहे हैं सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर Kaustav Dutta नाम के एक व्यक्ति ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को टैग करते हुए सवाल किया है, "मेरे माता-पिता (सीनियर सिटीजन) अपने नजदीकी एसबीआई ब्रांच में लॉकर खोलना चाहते हैं. लेकिन, ब्रांच के अधिकारियों ने उन्हें ये कहकर मना कर दिया कि वहां कोई लॉकर उपलब्ध नहीं है. बहुत विनती करने पर बैंक अधिकारियों की तरफ से उन्हें इनडायरेक्टली ये कहा गया कि लॉकर खोलने के लिए उन्हें ब्रांच में या तो 10 लाख रुपये की एफडी करानी होगी या फिर उन्हें बीमा पॉलिसी खरीदना होगा. ब्रांच में उपलब्ध लॉकर की संख्या को आखिर क्यों नहीं दर्शाया जाता है?"
[tw]
@TheOfficialSBI My senior citizen parents wanted to open a locker with the nearest #sbi branch.
— Kaustav Dutta (@kaus_dut) November 12, 2021
They were rejected saying nothing is available.
On requesting they are told indirectly for a 10 lac FD or go for Life Insurance.
Why can’t they display the no of lockers available?
लॉकर के लिए एफडी की बाध्यता
दरअसल, लॉकर को लेकर ये बड़ी मुश्किल है. कई मौकों पर बैंक अधिकारी अपनी शाखा में लॉकर खोलने के एवज में एफडी कराने पर जोर देते हैं. असल में इसको लेकर बैंक के क्या नियम हैं या फिर भारतीय रिजर्व बैंक ने इसके लिए क्या गाइडलाइं बताई हैं. हम आपको बताने जा रहे हैं.
लॉकर पर RBI के नियम
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी भी बैंक में लॉकर खोल सकता है और बैंक अधिकारी आपको इसके लिए एफडी खोलने या लाइफ इंश्योरेंस खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं. लॉकर खोलने के नियमों के तहत आपको बैंकों द्वारा तय किराया और शुल्क चुकाना होगा.
हालांकि, अलग-अलग बैंक लॉकर खोलने के लिए अलग-अलग किराया और अलग-अलग शुल्क लेते हैं. कुछ बैंक किराए की रकम के बराबर एफडी कराने पर जोर देते हैं और उसपर मिलने वाले ब्याज की रकम के ही इस किराए को वसूलते रहते हैं. बताते चलें कि बैंक में मौजूद प्रत्येक लॉकर की दो चाबियां होती हैं. एक चाबी ग्राहक के पास होती है और दूसरी चाबी बैंक के पास होती है. लॉकर खोलने के लिए इन दोनों चाबियों का इस्तेमाल किया जाता है. एक चाबी से कोई लॉकर नहीं खोला जा सकता.
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