Gilt Mutual Fund Vs FD: गिल्ट म्यूचुअल फंड क्या है और यह किस तरह बैंक एफडी से बेहतर निवेश है?, रिस्क, रिटर्न और अन्य फीचर
What is a Gilt Fund?: गिल्ट म्यूचुअल फंड वैसे इन्वेस्टर्स के लिए निवेश के अच्छे विकल्प माने जाते हैं, जो जोखिम उठाने से बचना चाहते हैं. आइए जानते हैं कि ये फंड कैसे काम करते हैं...
Gilt Mutual Funds: जोखिम उठाने से बचने वाले निवेशक मुख्य तौर पर बैंकों में फिक्स्ड डिपॉजिट कराना पसंद करते हैं. बैंक एफडी को ऐसे निवेशकों का पसंदीदा उपाय माना जाता है, लेकिन बैंक एफडी पर रिटर्न बहुत कम मिलता है और कई बार तो यह महंगाई की दर से भी कम होता है. ऐसे में रिस्क से बचने बचने वाले निवेशकों के लिए गिल्ट म्यूचुअल फंड शानदार विकल्प साबित हो सकते हैं.
किन म्यूचुअल फंड को कहते हैं गिल्ट फंड?
गिल्ट फंड दरअसल एक पॉपुलर डेट म्यूचुअल फंड है, जिन्हें गिल्ट म्यूचुअल फंड के नाम से भी जाना जाता है. ये फंड सामान्य FD की तुलना में ज्यादा रिटर्न देने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए ये निवेशकों के बीच लोकप्रिय हैं. ये फंड केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के द्वारा जारी सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. इस कारण इन फंड को निवेशकों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प कहा जाता है. सेबी की गाइडलाइन के अनुसार, गिल्ट फंड को 80 फीसदी हिस्सा गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में निवेश करना होता है.
क्यों सुरक्षित माने जाते हैं गिल्ट फंड?
गवर्नमेंट सिक्योरिटज चूंकि सरकार से सपोर्टेड होती हैं, इस कारण इनके साथ रिस्क बहुत कम होता है. सरकारें पैसे जुटाने के लिए आरबीआई के मार्फत सिक्योरिटीज जारी करती हैं. चूंकि इनका टिकट साइज काफी बड़ा होता है, इस कारण एक रिटेल इन्वेस्टर सीधे पैसे नहीं लगा पाते हैं. ऐसे में निवेशक गिल्ट एमएफ के जरिए सरकारी प्रतिभूतियों में पैसे लगाते हैं और फिक्स्ट रिटर्न रेट का लाभ उठाते हैं. सिक्योरिटीज में निवेश करने से गिल्ट फंड को ब्याज से जो कमाई होती है, उसे सब्सक्राइबर्स को रिटर्न के माध्यम से लौटाया जाता है.
एफडी से कैसे बेहतर होंगे ऐसे फंड?
गिल्ट फंड की एक अच्छी बात है कि इनका रिटर्न ब्याज दरों से प्रभावित नहीं होता है. अभी रेपो रेट में बढ़ोतरी का दौर बीत चुका है. रिजर्व बैंक ने पिछली तीन एमपीसी से रेपो रेट को नहीं बढ़ाया है. आने वाले समय में ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए सेंट्रल बैंक रेपो रेट को कम करेगा. जैसे ही रेपो रेट कम होने लगेंगी, एफडी की ब्याज दरें भी कम होने लग जाएंगी. मतलब अब एफडी के सबसे अच्छे दिन बीत चुके हैं. दूसरी बिल्ट एमएफ की दरें रेपो रेट से प्रभावित नहीं होती हैं. स्वाभाविक है, आने वाले दिनों में गिल्ट फंड बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा आकर्षक विकल्प साबित होंगे.
गिल्ट फंड में निवेश से पहले किन बातों पर ध्यान दें?
निवेश करने से पहले हमेशा मैच्योरिटी से लेकर यील्ड तक की जांच करें. यह आपको बताता है कि यदि आप मैच्योरिटी तक अपना निवेश रखते हैं तो फंड कितना रिटर्न जेनरेट करेगा. निवेश करते समय गिल्ट फंड की एवरेज मैच्योरिटी को परख लें और देखें कि यह आपके गोल के समय के साथ मेल खाता है या नहीं.
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